छत्तीसगढ़

अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर धरमलाल ने पूछा प्रश्न, सीएम साय ने दिया जवाब

रायपुर। विधानसभा बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को धरमलाल कौशिक ने राज्य सेवा के अफसरों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर प्रश्न किया। उन्होंने अभियोजन की स्वीकृति में देरी पर भी सवाल उठाया। इस पर सीएम विष्णुदेव साय ने कहा कि उनकी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है और किसी भी भ्रष्टाचारी को बख्शा नहीं जाएगा।

अपने जवाब में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि राज्य प्रशासनिक सेवा में कुल 255 पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 251 पद भरे हुए हैं, जबकि चार पद रिक्त हैं।

चार अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच जारी

सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, राज्य सेवा के चार अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। इनमें शामिल हैं:
आरती वासनिक (तत्कालीन परीक्षा नियंत्रक, सीजी पीएससी) – 30 नवंबर 2024 को आरोप पत्र जारी।

सौम्या चौरसिया (निलंबित उप सचिव) – 12 दिसंबर 2024 को आरोप पत्र जारी।

प्रेम प्रकाश शर्मा (तत्कालीन महाप्रबंधक, पापुनि) – 19 सितंबर को निलंबित, 16 दिसंबर 2024 को आरोप पत्र जारी।
निर्भय कुमार (तत्कालीन एसडीओ, अभनपुर) – 6 फरवरी 2024 को आरोप पत्र जारी।

छह अधिकारियों के खिलाफ ईओडब्ल्यू-एसीबी में मामले दर्ज

सीएम ने जानकारी दी कि राज्य के छह अफसरों के खिलाफ आर्थिक अपराध अनुसंधान ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) में भ्रष्टाचार के मामले दर्ज हैं। इनमे सौम्या चौरसिया, भरोसा राम ठाकुर, टेकराम महेश्वरी, शिव बनर्जी, ज्योति बबली बैरागी और नारायण प्रसाद गबेल का नाम शामिल है।

सदन में प्रशासनिक सेवाओं में पारदर्शिता और भ्रष्टाचार निरोध पर चर्चा की गई। सरकार ने आश्वासन दिया कि सभी भ्रष्टाचार मामलों की निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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