छत्तीसगढ़

जिला प्रशासन ने दो दिन में रुकवाई तीन बच्चियों की शादी

सूरजपुर। कलेक्टर रोहित व्यास द्वारा जिले को बाल विवाह मुक्त करने के संकल्प को प्रशासन की संयुक्त टीम ने मूर्त रूप देना प्रारंभ कर दिया है कलेक्टर के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू के मार्गदर्शन में पूरे जिले के विवाह पर कड़ी नजर रखी जा रही है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने पूरे जिले में सूचना तंत्र को मजबूत कर रखा है। जहां भी बाल विवाह होने की सम्भावना रहती है। सूचना तुरंत जिला बाल संरक्षण इकाई को प्राप्त हो जाती है। कलेक्टर के दिशा निर्देश पर गठित संयुक्त टीम तत्काल मौके पर पहुंच कर बाल विवाह रोकने की परिजनों को समझाइश देती है।

विगत दो दिनों में जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग, राजस्व विभाग, चाईल्ड लाईन, पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा तीन बाल विवाह रोका गया। जिला बाल संरक्षण अधिकारी को ग्रामीणों ने सूचना दी की ग्राम लक्ष्मीपुर विकासखण्ड में एक 14 वर्षीय बालिका का बाल विवाह सम्पन्न हो रहा है। जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू के निर्देश पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्व में अमित भारिया, कार्तिक मजूमदार, रजनीश पटेल आरक्षक, प्रीति भगत, सरपंच हरमनिया सिंह, पटवारी अभय कुमार सिंह जनार्दन यादव, दिनेश यादव दल तत्काल मौके पर पहुंची तो पाया कि बालिका का उम्र मात्र 14 वर्ष 6 माह हो रहा है। पंचायत के सरपंच जिले के मंडी अध्यक्ष की उपस्थिति में परिजनों को समझाइश दी गई की अभी विवाह की उम्र नहीं हुई है। बाल विवाह करने से बालिका को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड सकता है। लडकी स्वयं कमजोर हो जायेगी आने वाला बच्चा या तो दिव्यांग या मृत पैदा हो सकता  है। अभी बालिका के खेलने कूदने के दिन है। जिस पर घर वाले बालिका के 18 वर्ष पूरी कर लेने पर विवाह करने को तैयार हो गये, तब इस आशय का कथन पंचनामा तैयार किया गया। उक्त कार्यवाही के दौरान एक ग्रामीण द्वारा सूचना दी गई की गांव में ही एक और नाबालिग लडकी का विवाह होने वाला है। जिस पर टीम वहां गई, दस्तावेजों का परीक्षण करने पर बालिका का उम्र 17 वर्ष 6 माह हो रहा है परिवार वालो को समझाइश देकर बाल विवाह रुकवा दिया गया।

जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल को ग्राम पंचायत जोबगा के ग्राम वासी से सूचना प्राप्त हुई कि एक 16 वर्षीय बालिका का बाल विवाह करने हेतु मण्डप रखे हैं। आज बारात आने वाली है। तत्काल जिला बाल संरक्षण अधिकारी के नेतृत्व में नायब तहसीलदार इजराईल अंसारी ,एल0पी0ओ0 अमित भारिया, काउंसलर जैनेन्द्र दुबे, पवन धीवर, पर्यवेक्षक श्रीमती माया द्विवेदी चाईल्ड लाईन के शीतल ,एवं रमेश साहू , कार्यकर्ता जया सिंह, पुलिस थाना सूरजपुर से प्रधान आरक्षक उदय सिंह ,आरक्षक बृजलाल सिंह, रामगणेश भगत, सुशील मिंज स्वयं मौके पर पहुंचे तो पाया की मंडप सजा कर डीजे बज रहा है विवाह हेतु बारात का इंतजार हो रहा है। लडकी बोली वह स्वयं इस विवाह को कराने वाली है। और उस पर किसी प्रकार का दबाव नहीं है। उसके माता पिता शराब का सेवन रोज करते हैं। जिस पर उसे परिजनों को समझाइश दी  गयी । लडके पक्ष से मो0 नं0 लेकर बात करने पर संतोषजनक उत्तर प्राप्त नहीं हुआ और ऐसा लगा कि विवाह नही रुकेगा लड़के वाले बारात ले आयेंगे। और बाल विवाह हो जाने कि इस आशंका को देखते हुए लडकी को बाल कल्याण समिति में प्रस्तुत करने हेतु सखी वन स्टॉप सेंटर में आश्रय के लिए बालिका को महिला स्टाफ के साथ सूरजपुर ले जाने का पंचनामा तैयार किया गया। मौके पर मंडप उखड़वा कर बालिका को उच्च अधिकारियों के निर्देश पर सखी वन स्टाप सेंटर में संरक्षित किया गया है।

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