छत्तीसगढ़

डॉ. रमन सिंह भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर जयंती कार्यक्रम में हुए शामिल

राजनांदगांव। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह 14 अप्रैल को डॉ. आम्बेडकर भवन सिविल लाईन राजनांदगांव में आयोजित भारत रत्न बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर जयंती कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम में सामूहिक रूप से भारत के संविधान की प्रस्तावना का वाचन किया गया। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने 14 अप्रैल भारत रत्न बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर जयंती की सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। उन्होंने बौद्ध कल्याण समिति की मांग पर 10 लाख रूपए की राशि समाज को देने की घोषणा की।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव आम्बेडकर करोड़ों-करोड़ों लोगों के जीवन में उत्साह और रोशनी दिखाने वाले ऐसे महामानव है, जिन्होंने हिन्दुस्तान के सभी वर्गों को एक जीने का उत्साह दिया और स्वाभिमान के साथ जीवन जीने का अवसर प्रदान किया। समता, बंधुत्व और न्याय के विचारधारा के साथ शिक्षित बनो, संगठित रहो और अपने अधिकार के लिए संघर्ष करो का संदेश दिया।

संघर्ष करने की ताकत समाज के सभी लोगों को देने का कार्य किया। उन्होंने कहा कि पूरे देश एवं दुनिया में ऐसा व्यक्ति जो न केवल अपने ज्ञान, विवेक, बुद्धि और अपने विचार से श्रेष्ठ थे, बल्कि संविधान का निर्माण ही पर्याप्त था कि युगों-युगों तक उनको याद किया जाएगा। संविधान जो न केवल अधिकार और शक्ति देता है, बल्कि कर्तव्य का बोध कराता है। पिछड़े समाज के लिए स्थायी आरक्षण की व्यवस्था ही नहीं करता बल्कि बराबरी और समानता का अधिकार रखने की ताकत संविधान देता है। ऐसे संविधान का निर्माण बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर ने किया।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने कहा कि हिन्दुस्तान विविधता वाला देश है जहां 500 प्रकार की भाषाएं और बोलियां है यहां अलग-अलग विचारधारा के लोग रहते हैं। संविधान की यह ताकत है कि भारत को एक सूत्र में बांधकर और जोड़कर रखा है। बाबा साहेब डॉ. भीमराव आम्बेडकर ने देश और समाज की मजबूती के लिए संविधान का निर्माण किया। इस संविधान से हिन्दुस्तान वर्ष 1947 से लेकर वर्ष 2025 तक मजबूत हुआ है।

उन्होंने कहा कि समाज को ऐसा मजबूत संविधान मिला है। संविधान के मार्ग में चलकर समाज बहुत आगे बढ़ेगा। कार्यक्रम में अध्यक्ष बौद्ध कल्याण समिति राजनांदगांव श्री कांति कुमार फुले ने स्वागत उद्बोधन दिया। इस अवसर पर महापौर श्री मधुसूदन यादव, श्री कोमल सिंह राजपूत, मुख्य वक्ता श्री आर शंभरकर, डॉ. दिवाकर रंगारी, श्री सुशील गजभिये, डॉ. सतीश वासनिक, डॉ. केएल टांडेकर सहित जनप्रतिनिधि, बौद्ध कल्याण समिति के पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या में बौद्ध समाज के लोग उपस्थित थे।

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