छत्तीसगढ़

निलंबित आईएएस रानू साहू सहित 11 के खिलाफ ईडी ने पेश किया चार्जशीट

रायपुर। कोल घोटाला केस में 2 कांग्रेस विधायकों का नाम भी सामने आया है। शुक्रवार को विधायक देवेंद्र यादव और चंद्रदेव राय को चार्जशीट में आरोपी बनाया गया है। साथ ही रायपुर की अदालत में रानू साहू के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई। 280 पेज की शिकायत के साथ ही 5456 पेज के दस्तावेज अदालत में जमा किए गए हैं। जिसमें कुल 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है।

ईडी ने दावा किया है कि कोल मामले में वसूली अधिकारियों और नेताओं ने मिलकर की। इसके अलावा शुक्रवार को ही बिलासपुर हाईकोर्ट में भी सुनवाई हुई। वहां ईडी ने कोल मामले की जांच भी सीबीआई से करवाने की मांग रखी है।

पिटिशन पर एक हफ्ते बाद सुनवाई

ईडी ने सीबीआई जांच की मांग को लेकर पिटिशन दायर की है। इस पिटिशन पर सप्ताह भर बाद सुनवाई हो सकती है। इससे पहले पिछले सप्ताह ED ने शराब घोटाला मामले में भी इसी तरह हाईकोर्ट से सीबीआई जांच कराने की मांग की थी।

रायपुर अदालत में ईडी ने निलंबित आईएएस अफसर रानू साहू के खिलाफ शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत में चार्जशीट पेश की। ईडी के अधिवक्ता डॉ सौरभ पांडे ने बताया कि प्रोसिक्यूशन कम्प्लेंट में निलंबित आईएएस रानू के अलावा कुल 11 लोगो को आरोपी बनाया गया है जिसमें भिलाई विधायक देवेंद्र यादव और बिलाइगढ़ विधायक चंद्रदेवराय को भी आरोपी बनाया गया है।

ये हैं कोल मामले में आरोपी

रानू साहू, निखिल चंद्राकर के अलावा विनोद तिवारी, देवेंद्र यादव, चंद्रदेव राय, आरपी सिंह, रोशन सिंह, पीयूष साहू, नवनीत तिवारी, मनीष उपाध्याय, नारायण साहू आरोपी बनाए गए हैं। नारायण साहू और पीयूष साहू दोनों ही सूर्यकांत तिवारी के स्टाफ हैं। रानू साहू और निखिल चंद्राकर के अलावा एक को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है। खबर है कि इन्हें पकड़ा जा सकता है हालांकि इन आरोपियों के वकीलों ने जमानत हासिल करने की कोशिश शुरू कर दी है।

550 करोड़ रूपए के कोल घोटाले में ईडी ने निलंबित आईएएस रानू साहू के अलावा आईएएस समीर विश्नोई, जेडी माइनिंग एसएस नाग और कोल कारोबारी सूर्यकांत तिवारी समेत 6 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया था। ये सभी ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल में है।

क्या है कोयला घोटाला

छत्तीसगढ़ में ईडी ने लगातार छापेमारी कर कोल स्कैम होने की बात कही है। ईडी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में प्रति टन कोयले के परिवहन पर 25 रुपये की वसूली की जाती थी। इस मामले में राज्य के अधिकारी, व्यापारी के अलावा नेता भी शामिल हैं। ईडी का कहना है कि बीते दो साल में अवैध वसूली के जरिए कम से कम 550 करोड़ रुपये की उगाही की गई थी।

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