चुनाव आयोग ने बढ़ाई व्यय राशि, अब इतना खर्च कर पाएंगे उम्मीदवार
रायपुर। विधानसभा चुनाव के दौरान बेहिसाब खर्च और संदिग्ध गतिविधियों से निपटने के लिए निर्वाचन कार्यालय ने मोर्चेबंदी कर ली है। अभी से ही प्रर्वतन एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है। केंद्रीय चुनाव आयोग ने 28 लाख रुपये की व्यय राशि को 40 लाख रुपये तक बढ़ाया है।
निर्वाचन कार्यालय ने हाइप्रोफाइल सीटों पर अलग से निगरानी की व्यवस्था की है। चेक पोस्ट, उड़नदस्ता, कैश मानिटरिंग आदि मामलों पर संबंधित एजेंसियों को 24 घंटे तैयार रहने को कहा गया है। निर्वाचन कार्यालय ने संवेदनशील ऐसे समस्त सीमावर्ती राज्यों के प्रवर्तन एजेंसियों से समन्वय स्थापित कर अंतरराष्ट्रीय सीमा, चेक पोस्ट नाकों पर सतत निगरानी के निर्देश दिए हैं। ऐसे सभी विधानसभा क्षेत्र जो सीमावर्ती राज्यों से सटे हों। उन पर विशेष निगरानी रखी जाएगी।
आबकारी, आयकर, पुलिस, राज्य जीएसटी-केंद्रीय जीएसटी, पुलिस, वन विभाग,केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल, राजस्व आसूचना निदेशालय, परिवहन विभाग, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क भारतीय रिज़र्व बैंक, भारतीय विमानपत्तन, स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी, डाक विभाग, विमानन विभाग एवं भारतीय रेल।
राज्य एवं केंद्रीय जीएसटी को निर्देशित किया गया है कि वेयर हाउस एवं गोडाउन पर विशेष सर्चिंग अभियान चलाया जाए। कपड़ा, साड़ी एवं अन्य प्रलोभन की वस्तुओं के अवैध वितरण पर रोक लगे। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो सहित अन्य एजेंसियां शिकायत के लिए नंबर जारी करें।
निर्वाचन कार्यालय मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने कहा, रीना बाबा साहेब कंगाले, विधानसभा निर्वाचन में व्यय अनुवीक्षण की तैयारियों के संबंध में केंद्रीय एजेंसियों एवं राज्य के बेहतर समन्वय से कारगर सर्तकता प्रणाली लागू होगी। प्रवर्तन और सुरक्षा एजेंसियों के साथ बैठक में तैयारियों की समीक्षा की गई है।
प्रवर्तन एजेंसियों को ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए कि चुनाव में व्यय की राशि तय सीमा से अधिक ना हो। निगरानी की व्यवस्था सुदृढ़ करनी चाहिए। चुनाव आयोग और निर्वाचन कार्यालय को भी खर्च के ब्यौरे को लेकर सख्ती दिखानी होगी। निष्पक्ष चुनाव के लिए ज्यादा से ज्यादा मतदान आवश्यक है। 75 प्रतिशत से अधिक मतदान का लक्ष्य निर्वाचन कार्यालय को रखना चाहिए।
विभागों को यह दिशा-निर्देश
सभी प्रवर्तन एजेंसियां राज्य में संवेदनशीलता का आंकलन कर वल्नरेबिलिटी मैप तैयार करेंगे।
निर्वाचन के लिए विभाग की तैयारी एवं पिछले छह महीनों में किए गए जब्ती की जानकारी तैयार किया जाए।
निर्वाचन व्यय संवेदनशीलता की मैपिंग कर मानिटरिंग हो।
प्रर्वतन एजेंसियां रेल्वे स्टेशनों, ट्रकों, बसों, व्यवसायिक वाहनों के साथ ही हवाई अड्डों पर विशेष निगरानी रखें।
पिछले निर्वाचनों में किए गए जब्तियों के आधार पर जिलों में निगरानी रखी जाएगी।
10 लाख से अधिक कैश की जब्ती पर प्रोटोकाल के मुताबिक कार्रवाई सुनिश्चित करें।
आबकारी विभाग एवं अन्य विभागों द्वारा बार्र्डर-चेक पोस्ट पर सीसीटीवी कैमरा स्थापित किया जाए।
अवैध शराब वितरण एवं भंडारण पर सतत नियंत्रण के लिए कार्ययोजना बनाई जाए।
कैश मानिटरिंग व नकद संचलन पर आयकर विभाग और इंटेलिजेंस एजेंसियों सक्रिय रहे।