छत्तीसगढ़

11 सूत्रीय मांगों को लेकर कर्मचारियों-अधिकारियों ने सौंपा ज्ञापन

कवर्धा। छत्तीसगढ़ में सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के विभिन्न संगठनों ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर जिला कलेक्ट्रेट में एकजुट होकर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर गोपाल वर्मा को ज्ञापन सौंपा। यह कार्यक्रम अधिकारियों-कर्मचारियों फेडरेशन के बैनर तले आयोजित हुआ।

प्रमुख मांगे: वेतन, सेवा शर्तों और सुविधा से जुड़ी

ज्ञापन में जिन मांगों को शामिल किया गया, वे राज्य के हजारों कर्मचारियों की वेतन, भत्ते, पदोन्नति, स्वास्थ्य सुविधा और नियमितिकरण से संबंधित हैं।

प्रमुख मांगें इस प्रकार हैं:

मंहगाई भत्ते की लंबित किश्त जारी की जाए
चतुर्थ और तृतीय स्तरीय वेतनमान लागू किया जाए
2019 से लंबित एरियर राशि का समायोजन कर GPF में जमा किया जाए
पिंगुआ समिति की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए
सेवानिवृत्ति आयु 65 वर्ष की जाए
दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों का नियमितीकरण
अर्जित अवकाश सीमा को 300 दिन किया जाए
केशलेस चिकित्सा सुविधा लागू की जाए
अनुकंपा नियुक्ति बिना शर्त की जाए

ज्ञापन सौंपने के दौरान छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन, लिपिक संघ, पटवारी संघ, कृषि विस्तार अधिकारी संघ, तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ, स्थल सहायक संघ सहित कई संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

प्रमुख रूप से प्रमोद शुक्ला, नंद शर्मा, निर्मल साहू, संतोष सोनी, दीपक ठाकुर, भवेन्द्र शर्मा, अविनाश कौशिक, रविकांत आमदे जैसे प्रमुख पदाधिकारियों ने कलेक्टर से चर्चा की।

कलेक्टर ने दिए समाधान के संकेत

कलेक्टर गोपाल वर्मा ने ज्ञापन लेते हुए न केवल सहानुभूति दिखाई, बल्कि स्थानीय समस्याओं पर चर्चा भी की। प्रमोद शुक्ला द्वारा उठाई गई कर्मचारी भवन की मरम्मत और विभागीय परामर्शदात्री समिति की बैठक को लेकर कलेक्टर ने सहयोग और शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया।

उन्होंने कहा, “जब जरूरतमंद व्यक्ति जिले में भटकना बंद करेगा, तभी हम कह सकेंगे कि हमने कुछ किया है। सभी संगठन सेवा भावना से कार्य करें और प्रशासनिक सहयोग को मजबूत करें।”

कई समस्याओं पर तत्काल समाधान की भी जानकारी दी गई, जिसके लिए संगठनों ने उन्हें धन्यवाद दिया।

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