छत्तीसगढ़

मंत्री रामविचार नेताम के खिलाफ फर्जी शिकायत मामला : दो आरोपियों पर एफआईआर दर्ज

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार में मंत्री रामविचार नेताम के खिलाफ फर्जी शिकायत भेजने वाले आरोपियों के खिलाफ राखी थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। आरोप है कि इन लोगों ने हिंदू जनजागृति समिति महाराष्ट्र के लेटरहेड और फर्जी हस्ताक्षर का इस्तेमाल कर प्रधानमंत्री कार्यालय समेत कई उच्चस्तरीय संस्थाओं को गलत जानकारी से भरे शिकायती पत्र भेजे।

इस मामले की शिकायत रायपुर के कारोबारी राहुल हरितवाल ने की थी, जिन्होंने लेटरहेड पर दिए गए नाम, सुनील घनवट से संपर्क कर शिकायत की सच्चाई जाननी चाही। घनवट ने शिकायत से साफ इनकार करते हुए इसे पूरी तरह फर्जी बताया और इसके पीछे छवि खराब करने की साजिश की आशंका जताई।

80 से ज्यादा शिकायतें पोस्ट, फर्जी हस्ताक्षर और गलत जानकारी

जानकारी के मुताबिक, 25 अप्रैल 2025 को पीएमओ समेत कई संस्थानों को रजिस्टर्ड डाक के ज़रिए मंत्री नेताम के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए शिकायतें भेजी गई थीं। इन शिकायतों में हिंदू जनजागृति समिति महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के समन्वयक सुनील घनवट का फर्जी नाम, हस्ताक्षर, मोबाइल नंबर और पता इस्तेमाल किया गया था।

शिकायत की जांच के बाद पता चला कि 80-90 शिकायतें कोरबा जिले के हसदेव उप डाकघर से भेजी गई थीं, जिन्हें दो युवकों ने मोटरसाइकिल से आकर पोस्ट किया था। इनमें से एक का नाम मोहन मिरी और दूसरे का नाम कमल वर्मा (CG Employee Federation, Raipur Mowa) बताया जा रहा है।

FIR दर्ज, जांच जारी

राखी थाना पुलिस ने राहुल हरितवाल की शिकायत पर मामला दर्ज कर धारा 469, 471, 120B IPC सहित आईटी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज किया है। पुलिस सीसीटीवी फुटेज, पोस्ट ऑफिस रजिस्ट्रेशन और मोबाइल लोकेशन के आधार पर जांच कर रही है।

क्या बोले शिकायतकर्ता?

राहुल हरितवाल ने कहा, “यह सिर्फ मेरे प्रिय मंत्री रामविचार नेताम को ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और हिंदू जनजागृति समिति जैसे संगठनों को भी बदनाम करने की सोची-समझी साजिश है। इस कृत्य के पीछे किसका हाथ है, इसकी गहराई से जांच होनी चाहिए।”

प्रशासन की सख्ती जरूरी

यह मामला न सिर्फ राजनीतिक षड्यंत्र की आशंका को जन्म देता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि फर्जी दस्तावेजों के ज़रिए उच्च अधिकारियों तक गलत सूचनाएं भेजना कितना खतरनाक हो सकता है। अब देखना यह होगा कि पुलिस जांच के बाद इस साजिश के पीछे का मास्टरमाइंड कौन निकलता है और क्या कार्रवाई होती है।

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