जमीन विवाद को लेकर बीजेपी नेता बसंत अग्रवाल समेत तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज
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रायपुर। राजधानी के तेलीबांधा इलाके में जमीन विवाद को लेकर बीजेपी नेता बसंत अग्रवाल समेत तीन लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की गई है। आरोप है कि उन्होंने एक निजी संपत्ति पर अवैध कब्जे की कोशिश की, निर्माणाधीन मकान में तोड़फोड़ की और जमीन मालिक को धमकी दी। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला?
शिकायतकर्ता रितेश कुमार महतो का दावा है कि उन्होंने ग्राम फुंडहर में 0.2020 हेक्टेयर जमीन दिसंबर 2024 में जीरा बाई निषाद से खरीदी थी। इस जमीन पर वे बाउंड्री वॉल का निर्माण करवा रहे थे, जिसकी जिम्मेदारी ठेकेदार सुशील गुप्ता को दी गई थी।
रितेश के मुताबिक, करीब 15 दिन पहले ठेकेदार सुशील गुप्ता को किसी अज्ञात व्यक्ति ने फोन कर काम रोकने की धमकी दी। 21 जनवरी को अखिलेश प्रताप सिंह नाम के व्यक्ति ने दोबारा फोन कर ठेकेदार को धमकाया कि अगर उसने निर्माण कार्य जारी रखा, तो उसे थाने में बंद करवा दिया जाएगा। साथ ही, निर्माण स्थल से सामान हटाने या गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी गई।
30 जनवरी की रात की तोड़फोड़
शिकायत के अनुसार, 30 जनवरी को रितेश कुमार महतो को एक अज्ञात नंबर से जान से मारने की धमकी दी गई। उसी दिन अखिलेश प्रताप सिंह ने निर्माण स्थल पर मजदूरों को धमकाकर काम रुकवा दिया। रात में कुछ अज्ञात लोग वहां पहुंचे, मजदूरों को झूठे केस में फंसाने की धमकी दी और निर्माणाधीन स्थल में तोड़फोड़ कर करीब 2.50 से 3 लाख रुपये का सामान चोरी कर लिया। चोरी हुए सामान में लोहे के कॉलम, सीमेंट और अन्य निर्माण सामग्री शामिल थी। रितेश महतो का आरोप है कि गुढ़ियारी निवासी बसंत अग्रवाल भी इस घटना में शामिल थे।
पुलिस जांच में जुटी
पीड़ित ने घटना की शिकायत तेलीबांधा थाने में दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने बसंत अग्रवाल, अखिलेश प्रताप सिंह और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
सिविल लाइन सीएसपी अजय कुमार ने बताया कि अवैध कब्जा और निर्माणाधीन मकान में तोड़फोड़ की शिकायत मिली है। भूमि स्वामी रितेश कुमार महतो ने बसंत अग्रवाल समेत अन्य पर निजी संपत्ति में तोड़फोड़ और धमकाने का आरोप लगाया है। शिकायत के आधार पर धारा 296, 3(5), 303(2), 324(5), 329(1), 351(2) के तहत अपराध दर्ज कर कार्रवाई की जा रही है। पुलिस पूरे मामले की विवेचना कर रही है।
बीजेपी नेता बसंत अग्रवाल ने दी सफाई
गौरतलब है कि इस मामले में बीजेपी नेता बसंत अग्रवाल ने कहा कि FIR में दर्ज बसंत अग्रवाल कोई और व्यक्ति है, वह नहीं। उन्होंने दावा किया कि 30 जनवरी को वे खमरिया में चुनाव प्रचार कर रहे थे और इस घटना से कोई संबंध नहीं है।