बस्तर में बाढ़ से हाहाकार : दर्जनों घर डूबे, अब तक 5 लोगों की मौत, राहत और बचाव कार्य जारी

जगदलपुर। बस्तर क्षेत्र में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने बाढ़ की स्थिति पैदा कर दी है। यहां की नदियां और नाले उफान पर हैं। लोहंडीगुड़ा ब्लॉक के मांदर गांव में अचानक आई बाढ़ का पानी विकराल रूप ले चुका है। इस बाढ़ में अब तक पाँच लोगों के मरने की खबर है, जबकि कई घर पानी में डूब गए हैं।
बस्तर में बाढ़ का कहर
बस्तर में पिछले 94 सालों की बारिश का रिकॉर्ड टूट गया है। मांदर गांव में दो दर्जन से ज्यादा घर बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। अचानक आई बाढ़ के कारण कई लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं और मदद का इंतज़ार कर रहे हैं।
रेल यातायात भी प्रभावित
भारी बारिश का असर बस्तर को विशाखापट्टनम से जोड़ने वाली केके रेललाइन पर भी पड़ा है। आंध्र प्रदेश के अरकु के पास रेलवे ट्रैक पर पहाड़ का मलबा गिरने से रेल यातायात बाधित हो गया है। ट्रैक के क्षतिग्रस्त होने और कई जगहों पर धंस जाने के कारण किरंदुल-विशाखापट्टनम नाइट एक्सप्रेस को बुधवार के लिए रद्द कर दिया गया था।
राहत और बचाव कार्य जारी
बस्तर के सांसद महेश कश्यप ने रात में राहत शिविरों का दौरा किया और बाढ़ पीड़ितों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनीं। उन्होंने प्रशासन को राहत और सुरक्षा व्यवस्था में तेजी लाने के निर्देश दिए।
राज्य सरकार भी बचाव और राहत अभियान चला रही है। एक आपदा नियंत्रण कक्ष स्थापित करके स्थिति पर लगातार नज़र रखी जा रही है। बस्तर संभाग के चार जिलों में 43 राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां कुल 2,196 बाढ़ पीड़ितों को ठहराया गया है। नगर सेना और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं।
बाढ़ से हुई क्षति का विवरण:
जनहानि: 5
पशुधन की हानि: 17
आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त मकान: 165
पूरी तरह से क्षतिग्रस्त मकान: 86