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अरुणाचल प्रदेश सरकार और डीएआरपीजी द्वारा तैयार किया गया अरुणाचल प्रदेश का जिला सुशासन सूचकांक (डीजीजीआई) जारी

डीजीजीआई जिला स्तर पर बेंचमार्किंग गवर्नेंस में अगली पीढ़ी के प्रशासनिक सुधारों को दिखलाता है, जिसे हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद तैयार किया जाता है

डीजीजीआई अरुणाचल प्रदेश, भारत के किसी भी पूर्वोत्तर राज्य के लिए पहला डीजीजीआई है। ये सूचकांक अरुणाचल प्रदेश के सभी 25 जिलों में 8 क्षेत्रों के अंतर्गत 65 संकेतकों पर सुशासन को रैंक करता है।

ये रैंकिंग जिलों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा लेकर आएगी और मौजूदा अंतर को दूर करने के अरुणाचल प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन के प्रयासों में मार्गदर्शन करेगी और निर्णय लेने के एक साधन के तौर पर उनकी सहायता करेगी।

New Delhi (IMNB). प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग(डीएआरपीजी) और अरुणाचल प्रदेश सरकार ने नॉलेज पार्टनर सीजीजी, हैदराबाद के साथ मिलकर 8 जून 2023 को संयुक्त रूप से अरुणाचल प्रदेश का पहला जिला सुशासन सूचकांक (डीजीजीआई) जारी किया।

डीजीजीआई अरुणाचल प्रदेश को डीएआरपीजी, अरुणाचल प्रदेश सरकार, जिला अधिकारियों और अन्य हितधारकों के बीच 7 दौर की बैठकों में चले व्यापक परामर्श के बाद डिजाइन और विकसित किया गया था।

अरुणाचल प्रदेश के जिलों को डिवीजन के हिसाब से पूर्व, पश्चिम और मध्य डिवीजन के रूप में बांटा गया है।

डीजीजीआई जिला स्तर पर बेंचमार्किंग गवर्नेंस में अगली पीढ़ी के प्रशासनिक सुधारों का प्रतिनिधित्व करता है। ये सूचकांक अरुणाचल प्रदेश के सभी 25 जिलों में 8 क्षेत्रों में फैले 65 संकेतकों के तहत 136 डेटा बिंदुओं पर रैंकिंग करता है। ये केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा उठाए गए विभिन्न कदमों के प्रभाव और सुशासन की स्थिति का आकलन करने के लिए अरुणाचल प्रदेश के सब जिलों में एक समान ही साधन है। उम्मीद है कि ये सूचकांक राज्य सरकार और जिला प्रशासन द्वारा मौजूदा अंतरालों को दूर करने, इन अंतरालों को कम करने की की योजना बनाने के प्रयासों में और एक निर्णय लेने वाले साधनों के तौर पर सहायता प्रदान करेगा। ये रैंकिंग नागरिक केंद्रित प्रशासन और सुशासन प्रदान करने के जिलों के उद्देश्य में, उनके बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा लेकर आती है।

डीजीजीआई अरुणाचल प्रदेश की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:

क्र. सं. डिवीजन पूर्व डिवीजन मध्य डिवीजन पश्चिम डिवीजन
  समग्र रैंकिंग नामसाई पश्चिम सियांग तवांग
  क्षेत्र पूर्व डिवीजन मध्य डिवीजन पश्चिम डिवीजन
1. कृषि और संबद्ध सियांग ऊपरी सुबनसिरी पापुम पारे
2. वाणिज्य और स्वरोजगार लोहित निचला सियांग तवांग
3. मानव संसाधन विकास निचली दिबांग घाटी पश्चिम सियांग पिक्के-केसांग
4. जन स्वास्थ्य पूर्व सियांग पश्चिम सियांग पापुम पारे
5. सार्वजनिक बुनियादी ढांचा और उपयोगिताएं पूर्व सियांग पश्चिम सियांग निचला सुबनसिरी
6. सामाजिक कल्याण एवं विकास नामसाई निचला सियांग पापुम पारे
7. सशक्तिकरण और वित्तीय समावेशन लोहित पश्चिम सियांग निचला सुबनसिरी
8. न्यायपालिका एवं सार्वजनिक सुरक्षा क्षेत्र ऊपरी दिबांग घाटी ऊपरी सुबनसिरी पूर्व कामेंग

  • 50 प्रतिशत से अधिक जिलों ने स्व-रोजगार ऋणों को बांटने में वृद्धि दर्ज की है।
  • 19 जिलों ने कृषि ऋण में सकारात्मक संचयी वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) दर्ज की है
  • दो जिलों को छोड़कर सभी जिलों में झूम खेती के क्षेत्र में कमी या रखरखाव की सूचना है।
  • अधिकांश जिलों में चावल उत्पादन की उपज में वृद्धि हुई है।
  • लगभग सभी स्कूलों में बालिका शौचालय कार्यरत हैं।
  • नौ जिलों ने 85 प्रतिशत से अधिक की टीकाकरण दर हासिल की है।
  • 22 जिलों ने 70 प्रतिशत से अधिक संस्थागत प्रसव हासिल किए हैं।
  • अधिकांश जिलों में लिंगानुपात में सुधार हुआ है।
  • 21 जिलों ने किसी स्वास्थ्य योजना या स्वास्थ्य बीमा के साथ 50 प्रतिशत से अधिक परिवारों को कवर किया है।

अतीत में डीएआरपीजी ने सुशासन सूचकांक 2019, सुशासन सूचकांक 2021, एनईएसडीए 2019, एनईएसडीए 2021, डीजीजीआई जम्मू और कश्मीर, डीजीजीआई गुजरात और अब डीजीजीआई अरुणाचल प्रदेश जारी करके बेंचमार्किंग गवर्नेंस में अगली पीढ़ी के सुधारों को सफलतापूर्वक शुरू किया।

केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने अपने संदेश में कहा, “अरुणाचल प्रदेश को पूर्वी एशिया का एक प्रमुख प्रवेश द्वार बनाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर कड़ी मेहनत कर रही हैं। पिछले आठ वर्षों से अरुणाचल प्रदेश के विकास को गति देने के लिए अभूतपूर्व कार्य किया गया है। ‘मैक्सिमम गवर्नेंस, मिनिमम गवर्नमेंट’ के मंत्र पर चलते हुए सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास का रास्ता अरुणाचल प्रदेश के बेहतर भविष्य को सुनिश्चित करेगा।

अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री पेमा खांडू ने अपने संदेश में कहा, “डीजीजीआई अरुणाचल प्रदेश निश्चित रूप से अरुणाचल प्रदेश के जिलों को एक भविष्योन्मुखी रोडमैप तैयार करने और उनकी कार्यान्वयन रणनीतियों को फिर से दिशा देने में मदद करेगा”।

इस अवसर पर डीएआरपीजी ने उन सभी अधिकारियों को धन्यवाद दिया जिन्होंने इस दस्तावेज़ को लिखने और इस देश के “अधिकतम सुशासन-न्यूनतम सरकार” के सुशासन मॉडल को आगे ले जाने में सक्षम बनाया है।

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