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आज का व्रत व त्यौहार : आज वामन जयंती

न्युज डेस्क (एजेंसी)। त्रेता युग में भगवान विष्णु के पाँचवें अवतार भगवान वामन के अवतरण दिवस को वामन जयंती के रूप मे मनाया जाता है। भगवान वामन का अवतरण भाद्रपद शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को अभिजित मुहूर्त तथा श्रवण नक्षत्र में माना जाता है। अतः इस उत्सव को वामन द्वादशी के नाम से भी जाना जाता है।

वामन भगवान त्रेता युग में अवतरित प्रथम श्री विष्णु अवतार थे। इससे पहिले भगवान विष्णु के चार अवतार सतयुग में ही हुए थे। वामन भगवान प्रथम पूर्ण मानव अवतार भी हैं। भगवान वामन का अवतार माता अदिति एवं ऋषि कश्यप के पुत्र रूप इस पृथ्वी लोक में हुआ था।

श्रीजयदेव गोस्वामी द्वारा रचित श्रीगीतगोविन्दम के श्री दशावतार स्तोत्र में भी भगवान वामन को श्रीहरि का पाँचवा अवतार बताया गया है।

छलयसि विक्रमणे बलिमद्भुतवामन ।
पदनखनीरजनितजनपावन ।
केशव धृतवामनरुप जय जगदीश हरे ॥5॥
अर्थात: हे सम्पूर्ण जगतके स्वामिन् ! हे श्रीहरे ! हे केशव! आप वामन रूप धारणकर तीन पग धरतीकी याचनाकी क्रियासे बलि राजाकी वंचना कर रहे हैं। यह लोक समुदाय आपके पद-नख-स्थित सलिलसे पवित्र हुआ है। हे अदभुत वामन देव ! आपकी जय हो ॥5॥

संबंधित अन्य नाम- वामन द्वादशी
शुरुआत तिथि- भाद्रपद शुक्ला द्वादशी
कारण- भगवान वामन का अवतरण दिवस
उत्सव विधि- भजन, कीर्तन

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