महेंद्र छाबड़ा को हाईकोर्ट ने दी राहत, राज्य शासन के आदेश पर लगाई रोक
बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राज्य अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन महेन्द्र छाबड़ा की याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने राज्य शासन के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें अल्पसंख्यक आयोग के चयेरमैन को उनके पद से हटा दिया था।
हाईकोर्ट ने पूर्व में जारी आदेश और नियमों का गंभीरता के साथ पालन करने कहा है। उक्त मामले में हाई कोर्ट ने यथास्थिति बनाए रखने कहा है। अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन के पद पर पदस्थ महेन्द्र छाबड़ा ने अधिवक्ता संदीप दुबे और मानस वाजपेयी के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर शासन के आदेश को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका में कहा है कि पूर्ववर्ती राज्य सरकार ने विधि अनुरूप तीन वर्ष के लिए उनकी नियुक्ति आदेश जारी किया था। नियुक्ति के बाद महेन्द्र छाबड़ा बतौर चेयरमैन अपना कार्य विधि अनुरूप संचालित कर रहे थे। राज्य में सत्ता परिवर्तन के साथ ही आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग ने 15 दिसंबर को महेन्द्र छाबड़ा के सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया था। इसी के तहत उनको पद से हटा दिया गया है।
मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश राकेश मोहन पाण्डेय की एकलपीठ के समक्ष हुई, जिसमें सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने राज्य शासन के फैसले पर रोक लगा दी है। राजनीतिक नियुक्ति की आड़ में आयोग व संवैधानिक पदों पर आसीन लोगों को हटाया नहीं जा सकता। कानून के तहत की गई नियुक्ति को उसी प्रक्रिया के तहत हटाया जाना चाहिए। कोर्ट ने सरकार को गौर करने का निर्देश देते हुए राज्य शासन के आदेश पर रोक लगा दी है।