छत्तीसगढ़

जेल में बंद पिता को बेटी की तेरहवीं में शामिल होने हाईकोर्ट ने दी छूट

बिलासपुर। उम्र कैद की सजा काट रहे एक पिता को बेटी के मृतक कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति जेल प्रशासन द्वारा नहीं दी जा रही थी। परेशान पिता ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बेटी की तेरहवीं के कार्यक्रम में शामिल होने की गुहार लगाई थी।

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने सहृदयता दिखाई हुए पिता को बेटी की तेरहवीं में शामिल होने की अनुमति दी है। याचिकाकर्ता बंदी को बुधवार को पुलिस अभिरक्षा में रायपुर सेंट्रल जेल से बिलाईगढ़ ले जाया जाएगा।

हाई कोर्ट ने रायपुर पुलिस अधीक्षक को निर्देश जारी किए हैं। रायपुर सेंट्रल जेल में उम्र कैद की सजा काट रहे एक बंदी को स्वजन के माध्यम से जानकारी मिली कि 28 सितंबर को उसकी बेटी की मृत्यु हो गई है। जिसकी तेरहवीं का कार्यक्रम 18 अक्टूबर को होना है। बेटी की मृत्यु से व्यथित बंदी ने कलेक्टर रायपुर के समक्ष आवेदन पेश कर बेटी के मृतक कार्यक्रम में शामिल होने की अनुमति मांगी थी। विशेष पैरोल के तहत उसे छूट देने की गुहार लगाई थी।

कलेक्टर रायपुर के समक्ष आवेदन पेश करने के साथ ही रायपुर सेंट्रल जेल प्रबंधन के समक्ष भी बेटी की मृत्यु की जानकारी देते हुए मृतक कार्यक्रम में शामिल होने पैरोल पर रिहाई की मांग की थी। जिला प्रशासन और जेल प्रबंधन से किसी तरह कार्रवाई न होने पर बंदी ने अधिवक्ता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में याचिका दायर कर बुधवार 18 अक्टूबर को बेटी की तेरहवीं के कार्यक्रम में शामिल होने की गुहार लगाई थी।

मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच में हुई। याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी करती हुई उनकी अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि बेटी की मृत्यु हो गई है और बुधवार 18 अक्टूबर को तेरहवीं है। बेटी की तेरहवीं के कार्यक्रम बिलाईगढ़ में है। चीफ जस्टिस ने अधिवक्ता से पूछा कि रायपुर से बिलाईगढ़ की दूरी कितनी है। अधिवक्ता ने बताया कि तकरीबन 150 किलोमीटर।

चीफ जस्टिस सिन्हा ने रायपुर पुलिस अधीक्षक को निर्देशित किया कि याचिकाकर्ता बंदी को पुलिस अभिरक्षा में सेंट्रल जेल से बेटी के गांव बिलाईगढ़ लेकर जाएं व मृतक कार्यक्रम में शामिल कराएं। दूसरे दिन गुरुवार को उसे लेकर आए सेंट्रल जेल में नियमानुसार वापस भेजने की कार्रवाई करें।

कोर्ट ने अधिवक्ता से पूछा, आवेदन दिया है या नहीं

डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता बंदी के अधिवक्ता से पूछा कि याचिकाकर्ता ने बेटी के मृतक कार्यक्रम में शामिल होने के लिए जेल प्रबंधन के समक्ष पूर्व में आवेदन पेश किया है या नहीं। अधिवक्ता ने बताया कि जेल प्रबंधन के साथ ही कलेक्टर के समक्ष भी आवेदन दिया है। दोनों ही जगह से कोई कार्रवाई नहीं की गई। कोर्ट ने कहा कि अगर जेल प्रबंधन के पास आवेदन लंबित है तो बिटिया के मृतक कार्यक्रम में पिता को जाने की छूट दी जाती है।

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