छत्तीसगढ़

बुजुर्ग से हिस्सेदारी चाहिए तो उनका भरण-पोषण करना होगा : डॉ. किरणमयी नायक

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक एवं सदस्यगण डॉ. अर्चना उपाध्याय, श्रीमती एवं श्रीमती बालो बघेल ने बुधवार को महिला आयोग के कार्यालय रायपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की। आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में आज 234 वी सुनवाई हुई। रायपुर जिले में कुल 110 वीं जनसुनवाई।

सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में दोनो पक्षों के मध्य काउंसलिंग कराई गई। अनावेदक अपनी बच्ची के खाने खर्चे के लिए 2500 रु. प्रति माह आवेदिका को नगद देगा व बच्ची की स्कूल फीस अनावेदक 1000 रु. स्कूल में जाकर पटायेगा। इस प्रकरण की निगरानी आयोग की काउंसलर द्वारा 6 माह तक की जायेगी।

एक प्रकरण में दोनो पक्षों को सुना गया। आवेदिका को शादी में मायके से दिये गये सामान को वापस देने के लिए अनावेदक पक्ष तैयार है। जिसमें आयोग की ओर से काउंसलर नियुक्त किया गया, काउंसलर दोनो पक्षो के बीच सामान दिलाने में मदद करेंगी। सामान मिल जाने पर प्रकरण नस्तीबध्द किया जायेगा।

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के ससुर के नाम पर देवेन्द्र नगर सेक्टर 3 में मकान है जिसके 4 हिस्सेदार है। आवेदिका के ससुर का स्वर्गवास हो चुका है लेकिन अभी तक मकान का नामांतरण नहीं हुआ है। आयोग द्वारा समझाईश दिया गया की दोनो पक्ष नगर निगम से नामांतरण की प्रकिया करावें। आयोग द्वारा काउंसलर नियुक्त किया गया जो 6 माह तक दोनो पक्षों के बीच निगरानी करेगी। इस स्तर पर प्रकरण नस्तीबध्द किया गया।

अन्य प्रकरण में दोनो पक्षों को विस्तार से सुना गया व आवेदिका को समझाईश दिया गया कि वह अपने पति के साथ रहे। अनावेदक पति को भी समझाईश दिया गया कि बेटियां होने के कारण वह अपनी पत्नी से विवाद ना करे। यदि दोनो पक्ष सम्पत्ति में बंटवारा कराना चाहते है तो आयोग की काउंसलर से मदद ले सकते है इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबध्द किया गया।

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