कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में घायल हिरण की मौत

जगदलपुर। बस्तर के कांगेर वैली (कांगेरघाटी) राष्ट्रीय उद्यान से एक बार फिर वन्यजीवों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। सोमवार दोपहर पेदावाड़ा चौक के पास एक तीर से घायल हिरण भागते हुए नेशनल हाईवे-30 तक आ पहुंचा और वहीं गिर पड़ा। राहगीरों ने तत्काल वन विभाग को सूचना दी, लेकिन जब तक वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची, तब तक हिरण तड़पते हुए दम तोड़ चुका था। यह घटना न केवल जंगल क्षेत्र की संवेदनशीलता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि अब शिकारियों के हौसले इतने बुलंद हो गए हैं कि वे हाईवे किनारे तक अपने मंसूबों को अंजाम देने से नहीं चूक रहे।
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के एसडीओ कमल तिवारी ने बताया कि मृत हिरण के शरीर में तीर गड़ा मिला है, जिससे यह स्पष्ट है कि उस पर शिकार की कोशिश की गई थी। पोस्टमार्टम के बाद हिरण का विधिवत अंतिम संस्कार किया जाएगा। वहीं अज्ञात शिकारियों की तलाश शुरू कर दी गई है। वन्यजीवों की सुरक्षा को लेकर किए जा रहे गश्त और निगरानी के दावों पर भी अब सवाल उठने लगे हैं। हाईवे से सटे जंगलों में वन्यजीव सबसे ज्यादा खतरे में हैं और ऐसी घटनाएं इस ओर इशारा करती हैं कि शिकारी अब जंगलों तक ही सीमित नहीं रह गए हैं।