छत्तीसगढ़

शब्दों को संजोना एक कठिन विधा है : मुख्यमंत्री बघेल

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को लोकजागरण के लिए वरिष्ठ पत्रकार-लेखक सुधीर सक्सेना को प्रशस्ति पत्र, शाल और श्रीफल भेंट कर वसुंधरा सम्मान से सम्मानित किया।

इस कार्यक्रम में सीएम ने कहा कि आज वसुंधरा सम्मान से सुधीर जी का सम्मान किया गया है। राजेश बादल जी को भी इस अवसर पर सुना है। आज इस जगह में पत्रकार भी हैं, साहित्यकार भी हैं। इतिहासकार भी हैं। शब्दों को संजोना एक कठिन विधा है। उसमें भावनाएं पिरोना और भी कठिन है। छत्तीसगढ़ी समाज बहुत सरल सहज है लेकिन यह सहजता आसान नहीं है। कबीर और घासीदास जी ने भी यही बात कही है। देवी प्रसाद चौबे जी ने बहुत सरल जीवन जिया है।

यह छत्तीसगढ़िया भोलापन है जो एक बार आता है उसे जोड़ लेता है। सबका इस धरती से अपनापन हो जाती है। ये हमारी पूंजी है। अहिंसा की पराकाष्ठा महात्मा गांधी में दिखती है। आलोचना को सहने की शक्ति उन्हें थी। हत्या भी हुई तो भी उन्होंने हे राम कहा। सोशल मीडिया में आपसे असहमति हो रही है फिर भी आप उग्र नहीं होते तो समझिए आप महात्मा गांधी के रास्ते पर हैं। पढ़ना बहुत जरूरी है। इससे ही आप मूल स्रोत तक पहुंच सकते हैं। सत्य को परखना आसान काम नहीं है। सत्य की बारीकी में जाएंगे तो पाएंगे कि आज जो सत्य के नाम पर बात बताई जा रही है वो सही नहीं है। जो स्वांतःसुखाय और जनहित में लिखते हैं। उन्हें नियमित लिखना चाहिए ताकि सत्य निरंतर लोगों तक पहुंचे। यह आपकी जिम्मेदारी है।

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