छत्तीसगढ़

बैंक के लॉकर से 50 लाख के जेवरात गायब, पुलिस जांच में जुटी

भिलाई। शहर के सिविक सेंटर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक ग्राहक के लॉकर से लगभग 50 लाख रुपए मूल्य के सोने के जेवरात रहस्यमयी तरीके से गायब हो गए। लॉकर उपभोक्ता दरोगा सिंह की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

क्या है मामला?

सड़क नंबर 5, भिलाई निवासी दरोगा सिंह, जो एचएससीएल के सेवानिवृत्त कर्मचारी हैं, 1991 से बैंक में लॉकर का इस्तेमाल कर रहे हैं। 17 जनवरी 2025 को बैंक कर्मियों ने उन्हें सूचना दी कि उनके लॉकर में तकनीकी खराबी है और उसे बदलना होगा। दरोगा सिंह ने बैंक स्टाफ की उपस्थिति में लॉकर बदला और पुराने लॉकर से जेवरात को नए लॉकर में शिफ्ट किया।

लेकिन 22 अप्रैल 2025 को जब वह दोबारा लॉकर देखने पहुंचे तो देखा कि लॉकर में रखे दो पैकेट जेवरात गायब हैं। ये गहने उनकी पत्नी श्यामा सिंह और बेटी आराधना सिंह के थे।

दरोगा सिंह के अनुसार, जब उन्होंने बैंक कर्मियों से जवाब मांगा तो उन्हें टालने की कोशिश की गई। इसके बाद उन्होंने भिलाई नगर थाने में लिखित शिकायत की और एसपी से मिलकर पूरी जानकारी दी।

पुलिस जांच में जुटी

पुलिस ने घटना को गंभीरता से लिया है और बैंक की सीसीटीवी फुटेज, लॉकर ऑपरेशन रिकॉर्ड और बैंक कर्मियों के बयान इकट्ठा करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। फिलहाल, जेवरात की कीमत को लेकर अनुमान 50 लाख रुपए लगाया गया है, लेकिन असली कीमत जांच के बाद ही सामने आएगी।

दरोगा सिंह बोले – भरोसा टूटा

दरोगा सिंह ने कहा, “तीन दशक से इस लॉकर का इस्तेमाल कर रहा हूं, कभी ऐसी स्थिति नहीं आई। मुझे उम्मीद है कि जांच निष्पक्ष होगी और मेरी पत्नी-बेटी के जेवर वापस मिलेंगे। जिस बैंक पर विश्वास किया, वही अब सवालों के घेरे में है।”

अब यह देखना बाकी है कि यह मामला चोरी का है, लापरवाही का या किसी अंदरूनी साजिश का। लेकिन इतना तय है कि इतने बड़े अमानतखोरी के मामले में पारदर्शिता और जवाबदेही बेहद जरूरी है।

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