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सांसद बृजमोहन ने सीएसआर राशि आवंटन में मनमानी पर उठाए सवाल

रायपुर। छत्तीसगढ़ के समग्र विकास के लिए कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी एक महत्वपूर्ण मद है। लेकिन कंपनी अधिनियम 2013 के तहत सीएसआर निधि के आवंटन का कोई प्रावधान नहीं है। जिसके चलते राज्य के सभी जिलों में आवश्यकता के अनुसार इस मद से विकास और जनहित के  कार्य नही हो पा रहे हैं।

यह जानकारी कॉरपोरेट कार्य राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने लोकसभा में रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल के सवाल पर प्रदान की।

बृजमोहन अग्रवाल ने रायपुर समेत राज्य के पिछड़े और आदिवासी इलाकों में स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार के लिए मंत्रालय से  राशि के व्यय की जिलेवार और दूसरी संबंधित जानकारी मांगी थी।

मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक क्षेत्र  और गैर सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा वित्तीय वर्ष 2022-23 में 31 मार्च 2024 तक 596.11 करोड़ रुपए सीएसआर मद में खर्च किए गए।

रायपुर में वित्तीय वर्ष 2022-23 में 31 मार्च 2024 तक 89.36 करोड़ रुपए खर्च किए गए जो वित्तीय वर्ष में 2018-19, 19-20, 20-21, 21-22 में क्रमशः 20.38 करोड़, 103.58 करोड़, 90.80 करोड़ और 79.26 करोड़ रुपए थी।

वहीं रायगढ़ में पिछले वित्तीय वर्ष में 273.34 करोड़ रुपए खर्च किए गए जिसमे पिछले 21.05 करोड़ रुपए की तुलना में 1298 प्रतिशत ज्यादा है यह राशि 2018-19, 19-20, 20-21 में क्रमशः 1.18 करोड़, 5.35 करोड़ और 6.19 करोड़ रुपए थी।

इतना ही नहीं जशपुर में पिछले वित्तीय वर्ष में मात्र 27 लाख रुपए खर्च किए गए जो 202122 में 2.31 करोड़ और  2020-21 में 1.4 करोड़ रुपए थी। वहीं नारायणपुर, बीजापुर, बलरामपुर समेत कई जिलों में यह राशि शून्य है।

कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय ने बताया कि सीएसआर निधि के आवंटन के लिए कोई विशेष नीति या मानदंड तय नहीं है। कंपनियां अपनी नीतियों के अनुसार सामाजिक और विकासात्मक कार्यों का क्रियान्वयन करती हैं। मंत्रालय ने सीएसआर निधि के व्यय की समीक्षा के लिए कोई विशिष्ट दिशा-निर्देश जारी नहीं किए हैं। लेकिन सीएसआर निधि का सही तरीके से उपयोग सुनिश्चित करने के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने के लिए प्रयाप्त तंत्र प्रदान करता है।

बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि सीएसआर के तहत छत्तीसगढ़ में किए गए विकास कार्यों से सामाजिक और आर्थिक विकास को गति मिलेगी। उन्होंने औद्योगिक इकाइयों से आग्रह किया कि वे राज्य के सभी क्षेत्रों, विशेषकर पिछड़े और आदिवासी इलाकों में, शिक्षा और स्वास्थ्य पर अधिक ध्यान केंद्रित करें।

जानकारी के मुताबिक देशभर में सीएसआर मद से वर्ष 2022-23 में कुल 25892 करोड़ रुपए खर्च किए गए। वहीं इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने 251.23 करोड़ रुपए, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड 107.57 करोड़ रुपए , एनटीपीसी 319.98 करोड़, नाल्को 38.36 करोड़ और कोल इंडिया लिमिटेड ने 41.70 करोड़ रुपए सीएसआर के तहत खर्च किए हैं।

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