छत्तीसगढ़

नक्सलियों ने भाजपा नेता को घायल कर सड़क पर अधमरा फेंका

बीजापुर। छत्तीसगढ़ के नक्‍सल प्रभावित बीजापुर जिले में नक्सलियों ने रविवार की रात अपहृत किए गए भाजपा नेता को सोमवार रात को गंभीर रूप से घायल करके सड़क पर फेंक दिया।

नक्सलियों ने सलवा जुडूम आंदोलन में मारे गए चिन्नाराम गोटा के पुत्र और भाजपा नेता महेश गोटा को चिकटराज की पहाड़ी से अगवा किया था। सोमवार रात 11:30 बजे महेश को घायल अवस्था में सड़क पर फेंक गए। उन्हें कुटरू के अस्पताल लाया गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद बीजापुर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।

पुलिस को ग्रामीणों ने बताया कि सादे कपड़ों में आए दो नक्सलियों ने फरसेगढ़ के पूर्व सरपंच महेश गोटा का अपहरण कर लिया था। आदिवासी परंपरा के अनुसार चिकटराज पहाड़ी पर पूजा अनुष्ठान में सम्मिलित होने कई गांव के लोग पहुंचे थे।

महेश भी उपसरपंच पाण्डु गोटा, शिक्षक राजाराम जव्वा, पूर्व उपसरपंच रमेश पोंदी, कार्तिक शाह व लोकेश कुमार बारसे के साथ पूजा में सम्मिलित होने गए थे। उनके साथ गए लोगों के अनुसार, महेश अकेले ही पहाड़ी के ऊपर गए थे। महेश के पिता चिन्नाराम गोटा सलवा जुड़ूम आंदोलन के अग्रणी नेता थे। नक्सलियों ने उनकी हत्या कर दी थी।

गला घोंटने का किया प्रयास

नक्सलियों ने महेश के सिर पर कुल्हाड़ी से वार किया। रस्सी से गला घोटने का प्रयास किया। मारपीट से अंदरूनी चोट आई है। सिर और गर्दन के बीच में लगी चोट गंभीर है, जिससे सांस लेने में परेशानी हो रही है। बताया जा रहा है कि सोमनपल्ली के पास नक्सली जब महेश को मारने का प्रयास कर रहे थे, तब पास के गांव के लोगों के आने से हड़बड़ी में उसको छोड़कर भाग निकले। घटनास्थल पर पर्चा भी फेंका है।

भाजपा नेता की मासूम बेटी ने नक्‍सलियों से की अपील

सोमवार को इसकी खबर स्वजन को मिली, जिसके बाद महेश को छुड़ाने अब पत्नी रीना गांव के कुछ लोगों के साथ सुबह से ही खूंखार नक्सलियों के गढ़ में प्रवेश कर गई है। दिन भर जंगल की खाक छानने के बाद रात तक वह जंगल से वापस नहीं लौटी है। भूखे-प्यासे, नक्सलियों के घर में घुसकर वह पति को छुड़ाने प्रयास कर रही है। इधर घर पर माता-पिता को दिन भर नहीं देखने के बाद महेश और रीना की मासूम बेटी दिव्यानी ने अपने पापा को छोड़ देने की अपील नक्सलियों से की है।

महाराष्ट्र और अबूझमाड़ की सीमा से लगे बीजापुर जिले का फरसेगढ़ क्षेत्र में नक्सलियों ने बड़ी घटनाओं को अंजाम नहीं दिया है, पर बड़ी वारदात के बाद एक राज्य से दूसरे राज्य तक पहुंचने के लिए इस रास्ते का प्रयोग करते रहे हैं। यहां नेशनल पार्क एरिया कमेटी काम करती है और यहां राज कुख्यात नक्सली दिलीप का चलता है। संगठन में डीवीसी रैंक रखने वाला दिलीप इस क्षेत्र के चप्पे-चप्पे से वाकिफ है,बड़ी वारदातों के बाद नक्सलियों को छत्तीसगढ़ की सीमा पार करवाने की जिम्मेदारी उसकी ही रहती है।

सलवा जुडूम की सजा, पिता को दी थी मौत

बस्तर में सलवा जुडूम आंदोलन की नींव रखने का काम महेश के पिता चिन्नाराम गोटा ने किया था। फरसेगढ़ से इस आंदोलन की शुरुआत हुई थी, जिसने बाद में बड़ा स्वरूप ले लिया था। इसका बदला नक्सलियों ने चिन्नाराम गोटा की हत्या कर ले लिया था। इस घटना के बाद पैतृक गांव सागमेटा को छोड़कर गोटा परिवार फरसेगढ़ में आकर रहने लगा था। महेश उस वक्त बहुत छोटे थे और इस आंदोलन से उनका कभी कोई रिश्ता नहीं रहा। इसके बाद भी नक्सलियों ने फिर एक बार गोटा परिवार को निशाने पर ले लिया है।

चिन्नागेलुर में ग्रामीण को मार डाला

पुलिस के अनुसार तर्रेम थाना क्षेत्र के चिन्नागेलुर में नक्सलियों ने 18 अगस्त को ग्रामीण रामा पूनेम को गांव से अगवा कर लिया था। चिन्नागुलेर स्थित सुरक्षा बल के कैंप से करीब चार किमी दूर जंगल में रविवार की रात उनकी हत्या कर दी गई। नक्सलियों के डर से स्वजन या किसी भी ग्रामीण ने पुलिस में इसकी रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई है। बता दें कि चिन्नागुलेर में कुछ दिन पहले ही सुरक्षा बल का कैंप स्थापित किया गया है। यह घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र है।

 

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