नई आत्मसमर्पण नीति : हथियार छोड़ने पर नक्सलियों को लाखों की प्रोत्साहन राशि

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ अपनी रणनीति को एक नया मोड़ देते हुए नई आत्मसमर्पण नीति का ऐलान किया है। इसके तहत अब हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को लाखों रुपये की प्रोत्साहन राशि, सुरक्षा और पुनर्वास की गारंटी दी जाएगी।
सरकार का मकसद नक्सलियों को हिंसा का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटने और सम्मानजनक जीवन जीने का अवसर देना है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने स्पष्ट रूप से कहा है कि जो हथियार छोड़ेंगे, उन्हें डर नहीं, सम्मान मिलेगा।
हथियार के बदले नकद मुआवजा
सरकार ने विभिन्न हथियारों के लिए मुआवजा राशि तय की है:
एलएमजी (लाइट मशीन गन): ₹5 लाख
एके-47 / त्रिची असॉल्ट रायफल: ₹4 लाख
मोर्टार: ₹2.5 लाख
एसएलआर / इंसास रायफल: ₹2 लाख
एक्स-95 / एमपी-9 टेक्टिकल: ₹1.5 लाख
303 रायफल: ₹1 लाख
एक्स-कैलिबर: ₹75 हजार
यूबीजीएल अटैचमेंट: ₹40 हजार
315/12 बोर बंदूक, ग्लॉक पिस्टल: ₹30 हजार
कार्बाइन, रिवॉल्वर, डेटोनेटर, वायरलेस आदि पर भी मुआवजा तय
आत्मसमर्पण पर अन्य लाभ
हर आत्मसमर्पित नक्सली को ₹50,000 नकद प्रोत्साहन राशि
विस्फोटक सामग्री की सूचना देने पर ₹15,000 से ₹25,000 तक अतिरिक्त राशि
बड़े हथियार डंप की जानकारी पर ₹1 लाख तक इनाम
विवाह की स्थिति में ₹1 लाख की विवाह अनुदान राशि
पति-पत्नी दोनों के आत्मसमर्पण पर एक यूनिट मानकर लाभ
पुनर्वास और सामाजिक पुनर्स्थापन
नई नीति के तहत आत्मसमर्पण करने वालों को सिर्फ पैसे नहीं, बल्कि शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण, रोजगार/स्वरोजगार, और सामाजिक सम्मान भी मिलेगा। उन्हें भारत सरकार की पुनर्वास योजनाओं का लाभ भी दिया जाएगा।
“शांति, विकास और समरसता की ऐतिहासिक पहल”
मुख्यमंत्री ने इस नीति को राज्य में शांति बहाली, विकास और सामाजिक समरसता की दिशा में “ऐतिहासिक पहल” बताया। उन्होंने कहा, “हिंसा किसी समाधान का रास्ता नहीं है। जो नक्सली आत्मसमर्पण कर विकास की ओर कदम बढ़ाना चाहते हैं, उनके लिए सरकार हरसंभव मदद करेगी।”