छत्तीसगढ़

अटल जी के कार्यों की सराहना करते नहीं थकते थे विरोधी पक्ष : मुख्यमंत्री साय

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मुझे अटल जी के नेतृत्व में कार्य करने का मौका मिला। श्रद्धेय अटल जी का व्यक्तित्व ऐसा था कि विरोधी पक्ष भी उनके कार्यों की सराहना करते नहीं थकते थे। उनके सुशासन के मंत्र को लेकर ही हम छत्तीसगढ़ के विकास के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। मुख्यमंत्री साय सोमवार शाम पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती सुशासन दिवस पर दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित काव्यांजलि एवं संगोष्ठी कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्यमंत्री साय ने छत्तीसगढ़ महतारी और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के छायाचित्र पर पुष्पार्पित कर किया। इस मौके पर मंत्री ओ.पी. चौधरी, सांसद सुनील सोनी, विधायक अनुज शर्मा, गुरु खुशवंत साहेब, मोतीलाल साहू उपस्थित थे। मुख्यमंत्री सहित  अतिथियों ने इस मौके पर प्रबुद्ध कवियों की काव्यपाठ का श्रवण किया।

मुख्यमंत्री साय ने सुशासन दिवस की बधाई देते हुए कहा कि देश में लगभग 06 लाख गांव है और अटल जी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के माध्यम से गांवों में सड़कों का ऐसा जाल बिछा की, लोग अनायास ही उन्हें याद करते है। उन्होंने कहा कि इस योजना के माध्यम से देशभर के गांवों को सड़कों से जोड़ा गया जो देश के विकास में मील का पत्थर साबित हुई और इसने  ग्रामीण अधोसंरचना की तस्वीर बदल कर रख दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय अटल जी ने देश के किसानों के दर्द को समझते थे, उन्होंने किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड देने का काम किया। जिसके जरिए आज भी किसान बिना चिंता के खेती-किसानी कर विकास के राह में आगे बढ़ रहे हैं। किसान क्रेडिट कार्ड किसानों के उन्नति के लिए वरदान साबित हो रहा है। उन्होंने श्रद्धेय अटल जी के जन्मदिन सुशासन दिवस के उपलक्ष्य में नालंदा परिसर पर अटल जी के सम्पूर्ण जीवन यात्रा तथा शासन की योजनाओं पर आधारित छाया-प्रदर्शनी को देखने लोगों से अपील की।

केबिनेट मंत्री ओ.पी. चौधरी ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि श्रद्धेय अटल जी ने छत्तीसगढ़ का निर्माण किया था और उन्हीं के सपनों को साकार करने एवं सुशासित छत्तीसगढ़ बनाने के लिए हम संकल्पित हैं। उन्होंने अटल जी के प्रधानमंत्रित्व काल और उनके कविताओं के बारे में भी अपना विचार साझा किया।

संगोष्ठी के मुख्यवक्ता कुशाभाऊ ठाकरे विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बलदेव भाई शर्मा ने श्रद्धेय अटल जी की सम्पूर्ण जीवनयात्रा पर व्याख्यान दिया। काव्यांजलि और संगोष्ठी कार्यक्रम में प्रख्यात कवि पद्मश्री डॉ. सुरेंद्र दुबे, रामानंद त्रिपाठी, किशोर तिवारी और अन्नपूर्णा पवार ने अपनी पंक्तियों से पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी के व्यक्तित्व और कृतित्व को पुनः जीवंत किया।  कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी. ने दिया। आभार प्रदर्शन संचालक विवेक आचार्य ने किया।

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