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बिलासपुर: गोधन न्याय योजना गौ सेवा के साथ ही ग्रामीण रोजगार का साधन बना:  अरुण सिंह चौहान

बिलासपुर 25 मई 2023। गौठानों की सफलता से भारतीय जनता पार्टी के नेता ये समझ चूके हैं कि उनका गाय का चुनावी एजेन्डा भूपेश बघेल ने फेल कर दिया हैं। 15 साल की सरकार ने गौसेवा के नाम पर गौशालाओं को 1677 करोड़ रूपये की सहायता प्रदान किया। जिसे भाजपा के कार्यकर्ता डकार गये। गौसेवा के नाम पर नाटक का खेल चला भूपेश बघेल सरकार ने गोधान न्याय योजना के तहत जिले में 336 गौठानों का निर्माण किया, जहाँ पर गोबर खरीदी के माध्यम से गौपालकों की आर्थिक उन्नति का रास्ता खोला, वही वर्मी कम्पोस्ट बनाकर रसायनिक खाद से किसानों को मुक्ति दिलाई। जिले के सभी ब्लाॅक के गौठानों में जिसमें प्रमुख रूप से झाल, बरतोरी, शिवतराई, कोनचरा, करगीकला, नकचुआ आदि में बड़ी मात्रा में वर्मी कम्पोस्ट का उत्पादन किया जा रहा हैं। जहाँ स्वसहायता समूह की महिलाएं लाभांश के रूप में अपना निश्चित मासिक आय प्राप्त कर रही हैं और आर्थिक रूप से सक्षम हो रही हैं। जिला पंचायत के अध्यक्ष अरुण सिंह चैहान ने ग्राम सुराजी योजना के अंतर्गत गौठानों के संचालन को लेकर कहा कि यह एक ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूत कड़ी बन चुकी हैं। गोबर के साथ साथ ही 4 रूपये प्रतिलीटर की दर से गौमूत्र की खरीदी हो रही हैं। जिससे जैविक कीटनाशक बनाया जा रहा हैं। अब तक प्रदेश में 1 लाख 5 हजार लीटर से अधिक कीटनाशक का निर्माण हो चुका हैं। गोमूत्र से समूहों को 48500 का शुद्ध मुनाफा गौठान समितियों को हुआ। अरुण सिंह चौहान ने बताया कि जिला पंचायत के माध्यम से हर ब्लाॅक के 2 गौठानों में औद्योगिक गतिविधियां संचालित करने का कार्य किया जा रहा हैं। जिसके तहत लगभग प्रदेश के 300 से अधिक गौठानों में रीपा का कार्य शुरू हो चुका हैं। गौठानों में कृषि और वनोपज के साथ ही बागवानी, मुर्गी पालन, बकरी पालन, आटा चक्की, दाल मसाले पिसाई, तेल पिराइ जैसे कार्य समूह के द्वारा किये जा रहे हैं। गोधन न्याय योजना गौठान ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सफल योजना हैं।

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