समर कैंप को लेकर स्कूल शिक्षा विभाग ने कलेक्टरों को लिखा पत्र
रायपुर। भीषण गर्मी को देखते स्कूल शिक्षा विभाग ने छत्तीसगढ़ के सभी स्कूलों को समय से पहले बंद करा दिया। छत्तीसगढ़ में 15 जून तक सारे स्कूल बंद रहेंगे। लेकिन, स्कूल शिक्षा विभाग विद्यार्थियों को रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ कर रखना चाहता है। इसलिए, सिकरेट्री सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने सभी कलेक्टरों को पत्र लिखा है।
उन्होंने लिखा है कि समर कैंप पूरी तरह से एच्छिक होगा। 15 जून तक विद्यालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश प्रभावी है। इस दौरान छात्र-छात्राओं को रचनात्मक गतिविधियों में संलग्न कर उनमें बहुमुखी कौशल का विकास किया जा सकता है। रचनात्मक गतिविधियों में छात्र-छात्राओं के पालक एवं उनके शिक्षकों का मार्गदर्शन उपयोगी हो सकता है। छात्र-छात्राओं में परस्पर रचनात्मक गतिविधियों के आदान-प्रदान के लिए समर कैम्प आयोजित किया जावे।
समर कैम्प हेतु सुझाव इस प्रकार हैं
छात्र-छात्राओं हेतु समर कैम्प स्कूलों में अथवा गांव/शहर के सामुदायिक स्थानों में आयोजित किया जा सकता है।
समर कैम्प में कला क्षेत्र/रचनात्मक क्षेत्र के विशेषज्ञों को आमंत्रित करके उनसे छात्र-छात्राओं को मार्गदर्शन / प्रशिक्षण दिलाया जा सकता है।
समर कैम्प में स्कूल के शिक्षक एवं छात्र-छात्राओं के पालकों एवं शाला विकास समिति का भी सहयोग लिया जावे।
समर कैम्प में निम्नानुसार रचनात्मक गतिविधियां आयोजित की जा सकती है, यथा चित्रकारी, गायन, वादन, निबंध / कहानी लेखन, हस्तलिपि लेखन, नृत्य, खेलकूद, अपने गांव/शहर का ऐतिहासिक परिचय आदि गतिविधियां।
इन गतिविधियों के अलावा आप अपने स्तर पर भी रचनात्मक गतिविधियों का भी चयन कर सकते हैं।
समर कैम्प के आयोजन से पूर्व शाला विकास समिति एवं पालक शिक्षक समिति से सहमति ली जावे।
यह आयोजन पूर्णतः स्वेच्छिक रहेगा तथा समर कैम्प प्रातः 7 बजे से 9ः30 बजे के मध्य संचालित किया जावे।
समर कैम्प हेतु स्कूल शिक्षा विभाग की ओर से पृथक से कोई बजट देय नहीं होगा। कृपया जिला स्तर पर उपलब्ध संसाधनों का उपयोग कर कार्यक्रम को सफल बनावें। आशा है कि आप अपने स्तर पर पहल करते हुए ग्रीष्मावकाश में छात्र-छात्राओं के लिए समर कैम्प का आयोजन करेंगे तथा ग्रीष्मावकाश को बच्चों के सीखने के लिए अवसर के रूप में प्रयुक्त करेंगे।