युक्तियुक्तकरण से परसदा स्कूल में शिक्षक पदस्थ, 46 विद्यार्थी नियमित रूप से कक्षाओं का उठा रहे लाभ

रायपुर। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में, पाली ब्लॉक के परसदा गाँव में स्थित एक प्राथमिक विद्यालय, जो 1964 से चल रहा है, आज भी ज्ञान की रोशनी फैला रहा है। पिछले छह दशकों में, इस स्कूल से कई छात्रों ने शिक्षा पाकर अपना भविष्य बनाया है। समय के साथ, स्कूल की इमारत पुरानी और कमजोर हो गई थी, जिसे फिर से ठीक करके उपयोग में लाया गया। हालाँकि, वर्षों से यहाँ शिक्षक की कमी थी, जिससे छात्रों को पढ़ाई में बहुत परेशानी हो रही थी।
राज्य सरकार की शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण (rationalization) की प्रक्रिया से इस समस्या का हल निकल आया है। इसी प्रक्रिया के तहत, इस सत्र में स्कूल को एक नया, नियमित शिक्षक मिला है। श्री रूपेश कश्यप को यहाँ नियुक्त किया गया है। अब 46 छात्र बिना किसी रुकावट के अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। शिक्षक श्री कश्यप ने बताया कि उन्हें अपने ही गाँव के स्कूल से जुड़कर गर्व महसूस हो रहा है।
छात्र भी नए शिक्षक के आने से बहुत खुश हैं। अभिषेक राजपूत, नीतेश, अनुराग राजपूत, हिना, अनामिका, आदिति और दीपल जैसे छात्रों ने बताया कि उनकी कक्षाएँ अब नियमित रूप से चल रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उनके गुरुजी पढ़ाई के अलावा उन्हें खेलों में भी हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। छात्रों ने कहा कि इतने सालों से शिक्षक की कमी थी, जो अब पूरी हो गई है और वे बहुत खुश हैं।
दूसरे स्कूल में भी शिक्षक की नियुक्ति
इसी तरह, परसदा गाँव के लाइनपारा में स्थित एक और प्राथमिक विद्यालय में, जहाँ 34 छात्र पढ़ते हैं, वहाँ भी युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया के तहत श्रीमती नेमी जायसवाल को शिक्षक के रूप में नियुक्त किया गया है। यह स्कूल पहले केवल एक ही शिक्षक के भरोसे चल रहा था। मानसी, पायल और पुनिशा जैसी छात्राओं ने बताया कि शिक्षिका के आने के बाद से उनकी पढ़ाई नियमित हो गई है। स्कूल के हेडमास्टर श्री नोहर प्रसाद साहू ने कहा कि इस नियुक्ति से न सिर्फ छात्रों को फायदा हुआ है, बल्कि स्कूल का संचालन भी आसान हो गया है।
इस तरह, राज्य सरकार की युक्तियुक्तकरण पहल ने परसदा के इन दोनों स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और निरंतरता को सुनिश्चित किया है।