महिला विधायक पर हमले ने साबित कर दिया, प्रदेश में अपराधियों का राज है : विधायक रंजना साहू
रायपुर। भारतीय जनता पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता और विधायक रंजना साहू ने खुज्जी की कांग्रेस विधायक छन्नी साहू पर चाकू से हुए हमले को लेकर प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जो सरकार अपनी ही पार्टी की महिला विधायक के सम्मान और सुरक्षा को लेकर इतनी लापरवाह है, ऐसी नाकारा और निकम्मी सरकार को तो एक पल भी सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है। जब सत्तारूढ़ दल की विधायक सत्ता के गलियारौं में लगातार अपमानित और सार्वजनिक कार्यक्रमों में चाकूबाजी से जख्मी हो रही हैं, तब किस मुँह से मुख्यमंत्री भूपेश बघेल महिलाओं की सुरक्षा और सर्वतोमुखी सशक्तीकरण की बातें कर रहे हैं?
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में छत्तीसगढ़ महतारी की बेटियाँ ही चहुँओर असुरक्षित हैं। भूपेश सरकार के राज में महिला विधायक ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम महिलाओं की दुर्दशा का सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है। आज की परिस्थिति का निर्माण, जहाँ छत्तीसगढ़ जैसे शांति का टापू माने जाने वाले राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है, कोई आम बात नहीं। इस परिस्थिति का निर्माण कांग्रेस सरकार की चौतरफा विफलता के कारण ही हुआ है। पूरे प्रदेश में भय और दहशत का वातावरण है। महिलाएँ अब घर से निकलने में डरने लगी हैं। कदम-कदम पर हैवानों की दरिंदगी के चलते प्रदेशभर में दुष्कर्म की लगातार बढ़तीं वारदातों से एक ओर महिलाओं की इज्जत तार-तार हो रही है, वहीं आपराधिक तत्व उनकी जान के दुश्मन बने बैठे हैं। मुख्यमंत्री बघेल महिला सुरक्षा के नाम पर बड़ी-बड़ी डींगें तो खूब हाँकते हैं, महिलाएँ और उनकी सुरक्षा इस सरकार की प्राथमिकता भी थी, लेकिन जमीनी सच सामने है।
उन्होंने प्रदेश सरकार और उसकी कानून-व्यवस्था पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा है कि प्रदेश में जब एक जनप्रतिनिधि के साथ इस तरह की घटना हो रही है तो आम नागरिक की सुरक्षा तो भगवान भरोसे है। महिला विधायक पर चाकू से हमले ने साबित कर दिया, प्रदेश में अपराधियों का राज है। उन्होंने प्रदेश सरकार से सवाल करते हुए कहा कि क्या इसी के लिए प्रदेश की जनता ने कांग्रेस को सत्ता सौंपी थी? जनता से प्राप्त बहुमत का कांग्रेस ने दुरुपयोग करते हुए केवल प्रदेश में नशे के कारोबार, अपराध और भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया है। प्रदेश की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है । पुलिस तो केवल कांग्रेसी नेताओं और अपराधियों के सामने कठपुतली बनकर कार्य कर रही है। अपराधियों पर कार्रवाई करने के बजाय पुलिस पीड़ितों-पीड़िताओं के साथ ही दुर्व्यवहार करने लगती है। अपराधियों को संरक्षण देकर इस सरकार ने केवल छत्तीसगढ़ को अपराधगढ़ के रूप में स्थापित किया है। अपनी घोषणा अनुसार अगर कांग्रेस की सरकार ने प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी की होती तो शायद छत्तीसगढ़ की हालत कुछ और ही होती। प्रदेश में इन 5 वर्षों में लोगों के मन में अपराधियों के साथ पुलिस प्रशासन का भी खौफ बना रहा है, क्योंकि पुलिस अपराधियों के ऊपर तो कार्रवाई नहीं करती है बल्कि पीड़ित परिवार को ज्यादा प्रताड़ित करती है।