स्किल डेव्हलपमेंट से जुड़कर जशपुर अंचल की बेटियां बन रही हैं आत्मनिर्भर

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर, छत्तीसगढ़ में युवाओं को नौकरी और स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कई नए कौशल विकास कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में, जशपुर के नवगुरुकुल शिक्षण संस्थान में लड़कियों को व्यवसाय और तकनीक के क्षेत्र में मुफ्त आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यहां छात्राओं के लिए हॉस्टल, भोजन और लैपटॉप जैसी जरूरी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की बेटियां भी आत्मनिर्भर बन सकें।
कुनकुरी की नेहा खाखा ने 12वीं पास करने के बाद नवगुरुकुल की प्रवेश परीक्षा पास करके फाइनेंस स्किल प्रोग्राम में दाखिला लिया। एक साल की पढ़ाई के बाद, आज वे इसी संस्थान में एसोसिएट टीचर के तौर पर काम कर रही हैं और हर महीने 15,000 रुपये कमा रही हैं। नेहा बताती हैं कि “नवगुरुकुल ने मेरी जिंदगी बदल दी। यहां मैंने एआई फीचर और गूगल शीट जैसे आधुनिक उपकरण सीखे। आज मैं न सिर्फ खुद आत्मनिर्भर हूं, बल्कि दूसरी लड़कियों को भी पढ़ाकर उन्हें आगे बढ़ने में मदद कर रही हूं।”
पत्थलगांव की वृंदावती यादव ने प्रोग्रामिंग स्कूल में एडमिशन लिया। 15 महीने का कोर्स पूरा करने के बाद, वह अब पार्ट-टाइम इंटर्न के रूप में काम कर रही हैं और हर महीने 13,000 रुपये कमा रही हैं। वृंदावती कहती हैं, “मुझे लगा था कि मैं अपनी आर्थिक स्थिति के कारण आगे नहीं बढ़ पाऊंगी, लेकिन आज मैं पढ़ाई के साथ-साथ काम भी कर रही हूं और खुद को तकनीकी रूप से सक्षम महसूस करती हूं।”
बगीचा की उषा यादव को बचपन से ही डिजाइनिंग पसंद थी, लेकिन परिवार की आर्थिक तंगी के कारण वह ग्राफिक डिजाइनिंग का कोर्स नहीं कर पाईं। नवगुरुकुल में उन्होंने मुफ्त ग्राफिक डिजाइनिंग सीखी। अब वह बिजनेस की पढ़ाई कर रही हैं और भविष्य में अपना खुद का स्टार्टअप शुरू करने का सपना देखती हैं।