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सिद्धि माता मंदिर में बलि प्रथा में लगी रोक, होली के बाद से तेरस तक दी जाती थी बकरों की बलि

बेमेतरा : छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में वर्षों से चली आ रही बलि प्रथा पर अब विराम लगने जा रहा है. संडी सिद्धि माता मंदिर में होली के बाद से तेरस तक बकरों की बलि दी जाती थी, जिसे अब बंद करने का सर्वसम्मति से सामूहिक रूप से निर्णय लिया गया है.

बेमेतरा के संडी सिद्धि माता मंदिर में होली के बाद से तेरस तक बकरों की बलि दी जाती थी, जिसे अब बंद करने का सर्वसम्मति से सामूहिक रूप से निर्णय लिया गया है. बलि प्रथा के खिलाफ मे हाल ही में दंडी स्वामी और समाजसेवी लोगो के द्वारा जोरदार प्रदर्शन किया गया था और उसी दिन प्रशासन के द्वारा आश्वासत किया गया था की बैठक कर निर्णय लिया जायेगा. जिसके बाद आज फिर प्रशासन की मध्यस्थता से एक ऐतिहासिक बैठक का आयोजन हुआ. जिसमे बलि प्रथा बंद करने पर सर्वसम्मति से लोगो से अपनी सहमति जताई.

बलि प्रथा के खिलाफ हुआ था प्रदर्शन

हाल ही मे हुए प्रदर्शन मे नारों और पोस्टरों के साथ श्रद्धालु और सामाजिक कार्यकर्ता एकत्र हुए थे, बलि प्रथा के खिलाफ आवाज बुलंद करने. इसी को लेकर संडी सिद्धि माता मंदिर से जुड़ी इस परंपरा पर रोक लगाने के लिए बेमेतरा जिले के देवरबीजा स्थित परमेश्वरी भवन में एक अहम बैठक बुलाई गई. बैठक की अध्यक्षता दंडी स्वामी ज्योतिर्मयानंद सरस्वती जी महाराज ने की, जिसमें बेरला तहसीलदार जयंत पाटले, एसडीओपी मनोज तिर्की, कबीरपंथी समाज, क्षेत्र के सरपंच और मंदिर समिति के सदस्य मौजूद रहे.

बैठक के बाद लिया गया निर्णय

बैठक में सर्वसम्मति से तय किया गया कि संडी सिद्धि माता मंदिर में बकरी की बलि प्रथा को अब पूर्ण रूप से समाप्त कर दिया जाएगा. सभी ने लिखित रूप में सहमति पत्र भी तैयार किया और निर्णय लिया कि यदि कोई बलि प्रथा में सहयोग करता है तो उस पर जुर्माना और कानूनी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही तहसीलदार द्वारा निर्देश दिया गया कि पूरे क्षेत्र में इस निर्णय की मुनियादी करवाई जाएगी और यह नियम अब स्थायी रूप से लागू रहेगा.

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