छत्तीसगढ़

यह तो ‘सरकारी’ कुंभ चल रहा था : शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद

रायपुर : तीर्थराज नगरी प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेले के समापन से पहले शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने बड़ा बयान दिया है. छत्तीसगढ़ के बेमेतरा पहुंचे शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने महाकुंभ आयोजन को लेकर भड़कते हुए इसे सरकारी कुंभ करार दिया है. उन्होंने कहा कि महाकुंभ का समापन तो माघ पूर्णिमा पर ही हो गया था. अब तक जो चल रहा था वह सरकारी कुंभ था.

‘यह तो सरकारी कुंभ चल रहा था’

ज्योतिर्मठ पीठ शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने महाकुंभ आयोजन को लेकर कहा- ‘असली कुंभ तो माघ पूर्णिमा को ही समाप्त हो चुका है. कुंभ केवल माघ महीने में ही होता है, जो पूर्णिमा को पूरा हो चुका है. सभी कल्पवासी माघ पूर्णिमा को वापस जा चुके हैं. अब तक जो चल रहा है वह एक सरकारी कुंभ है. माघ महीने की पूर्णिमा के दिन सभी ‘कल्पवासी’ वहां से चले गए थे, कुंभ तभी पूरा हुआ था.’

गाय को लेकर राजनीतिक पार्टियों को दिया समय

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गाय की हत्या को रोकने को लेकर भी बयान दिया. उन्होने कहा कि देश की सभी राजनीतिक पार्टियां और सरकारें 17 मार्च तक अपना रूख स्पष्ट करें कि वे गौमाता को लेकर क्या सोचते हैं और क्या उनका स्टैंड है. 17 मार्च की शाम को हम सभी दिल्ली में बैठकर देखेंगे. उसके बाद हम अपनी नीति अपनाएंगे. बता दें कि गौमाता को राष्ट्रमाता का दर्जा दिलाने और गौ रक्षा कानून बनवाने के लिए संत समाज ने बड़ा आंदोलन छेड़ दिया है.

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