छत्तीसगढ़

 कैबिनेट मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर तीन सीनियर डिप्टी रजिस्ट्रार को सस्पेंड

रायपुर। कैबिनेट मंत्री ओपी चौधरी के निर्देश पर तीन सीनियर डिप्टी रजिस्ट्रार को सस्पेंड कर दिया गया है। रायपुर की सीनियर डिप्टी रजिस्ट्रार मंजूषा मिश्रा, धमतरी के सीनियर डिप्टी रजिस्ट्रार सुशील देहारी और पाटन की सीनियर डिप्टी रजिस्ट्रार शशिकांता पात्रे पर सस्पेंशन की गाज गिरी है। पंजीयन महानिरीक्षक ने तीनों रजिस्ट्रार के सस्पेंशन आदेश में इस बात का जिक्र भी किया है कि इनकी वजह से सरकार को राजस्व की कितनी हानि हुई है।

मंत्री ओपी चौधरी ने साफ कर दिया है कि किसी भी विभाग में भ्रष्टाचार या आम लोगों को असुविधा की शिकायतें बर्दाश्त नहीं की जाएंगी। तीन अफसरों के सस्पेंशन के बारे में उन्होंने कहा कि इनके खिलाफ लोगों से मिलीभगत कर प्रापर्टी का गलत मूल्यांकन कर रजिस्ट्री के आरोप प्रथमदृष्टया प्रमाणित हुए हैं, जिससे शासन को करोड़ों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। तीनों के खिलाफ जांच में 1 करोड़ 63 लाख रुपये की गड़बड़ी सामने आई है। अफसरों ने बताया कि तीनों के खिलाफ कार्रवाई विजिलेंस की रिपोर्ट के आधार पर की गई है।

रायपुर में पदस्थ सीनियर डिप्टी रजिस्ट्रार मंजूषा मिश्रा के निलंबन आदेश में 2021 से 2024 के बीच हुई आधा दर्जन रजिस्ट्री का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि इनमें गाइडलाइन रेट का सही ढंग से पालन नहीं कर गड़बड़ी की गई। इससे शासन को तकरीबन 88 लाख रुपए के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है। इसी तरह, धमतरी में पदस्थ सुशील देहारी पर 2021 और 2022 की दो रजिस्ट्रियों में गाइडलाइन रेट का पालन नहीं कर व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को फायदा पहुंचाने का आरोप है, जिससे शासन को 55 लाख रुपए से ज्यादा के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ा है। पाटन की सीनियर रजिस्ट्रार शशिकांता पात्रे के निलंबन आदेश में इस बात का उल्लेख है कि 2022 में की गई आधा दर्जन रजिस्ट्रियों में गाइडलाइन का गलत मूल्यांकन करने से शासन को 21 लाख रुपए से ज्यादा की राजस्व हानि हुई है। तीनों को संबंधित मुख्यालयों में पदस्थ करते हुए उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है।

सुशासन के लिए कार्रवाई जारी रहेगी : ओपी

इधर, मंत्री ओपी चौधरी का कहना है कि अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए थे कि किसी भी स्थिति में आम जनता को असुविधा नहीं होनी चाहिए और भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगने चाहिए। लेकिन यह बात जानकारी में आई कि पंजीयन विभाग के कुछ अफसर चुनिंदा लोगों के साथ मिलकर पंजीयन में भ्रष्टाचार कर रहे हैं तथा शासन को राजस्व की हानि भी पहुंचा रहे हैं। इसलिए ऐसे अफसरों को सस्पेंड किया गया है। मंत्री चौधरी के मुताबिक गुड गवर्नेंस के लिए भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई और सख्त की जाएगी।

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