अंधविश्वास से दो लोगों की दर्दनाक मौत, चार बच्चे हुए अनाथ

सूरजपुर। सूरजपुर में अंधविश्वास के कारण एक बार फिर दो जानें चली गईं। सर्प के काटने पर अस्पताल में इलाज कराने की बजाय झाड़-फूँक का सहारा लेना एक दम्पत्ति के लिए जानलेवा साबित हुआ। इलाज में हुई देरी की वजह से दोनों की मौत हो गई और उनके चार मासूम बच्चे अनाथ हो गए।
मैयाथान थाना क्षेत्र के बसकर गाँव में यह घटना हुई। एक दम्पत्ति रात में अपने घर के आँगन में ज़मीन पर सो रहे थे, तभी एक ज़हरीले साँप ने उन्हें काट लिया। परिवार वालों ने तुरंत अस्पताल ले जाने की जगह कई घंटों तक झाड़-फूँक करवाते रहे। जब उनकी हालत बिगड़ी और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
महिला ने मैयाथान अस्पताल में दम तोड़ दिया, जबकि पति की मौत ज़िला अस्पताल में इलाज के दौरान हुई। इस दुखद घटना से पूरे गाँव में शोक का माहौल है और परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। सबसे ज़्यादा दुख की बात यह है कि इस दम्पत्ति के चार छोटे बच्चे अब बेसहारा हो गए हैं।
क्या बच्ची की मौत पीलिया से हुई या सर्पदंश से?
सूरजपुर ज़िले के रामानुजनगर ब्लॉक में 14 अगस्त को एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया। यहाँ एक चार साल की बच्ची की तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल लाया गया, जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची को पीलिया था, लेकिन परिवार वालों का आरोप था कि उसकी मौत साँप के काटने से हुई है। इस संदेह के कारण बच्ची के शव को दफ़नाए जाने के बाद दोबारा पोस्टमार्टम के लिए कब्र से निकाला गया।
रामानुजनगर थाना क्षेत्र के सरईपारा गाँव के राजलाल की साढ़े चार साल की बेटी की तबीयत 7 अगस्त की देर रात खराब हुई थी। उसे तुरंत सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया, जहाँ इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। शुरुआती पोस्टमार्टम में मौत का कारण पीलिया बताया गया, लेकिन परिवार वाले इस बात से सहमत नहीं थे।
परिवार वालों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि बच्ची को दफ़नाने के बाद जब वे घर लौटे, तो उन्हें बच्ची के बिस्तर के पास एक करैत साँप मिला। जब बच्ची की तबीयत खराब हुई थी, तो उसके मुँह से लार निकल रही थी और उसने उल्टी भी की थी, जो सर्पदंश के लक्षण हो सकते हैं। गाँव के सरपंच और पूर्व जनपद सदस्य ने भी इस पर संदेह ज़ाहिर किया।
परिवार की शिकायत के बाद, उच्च अधिकारियों के निर्देश पर शव को कब्र से निकालकर दोबारा पोस्टमार्टम कराया गया। ज़िला चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि पहली रिपोर्ट में मौत का कारण पीलिया था, लेकिन परिजनों के संदेह के कारण एक ज़िला स्तरीय टीम ने फिर से पोस्टमार्टम किया है। अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि बच्ची की मौत का असली कारण क्या था।