छत्तीसगढ़

मत्स्य नीति व मछलीपालन को कृषि का दर्जा मिलने से मत्स्य पालन में अभूतपूर्व वृद्धि : मुख्यमंत्री बघेल

रायपुर। मुख्यमंत्री बघेल रविवार को जिले में स्थित ग्राम फुंडहर में आयोजित छत्तीसगढ़ निषाद केंवट समाज प्रदेश संगठन भूमि पूजन एवं वार्षिक सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल हुए। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि निषाद समाज मेहनतकश समाज है। हमारी सरकार ने निषाद समाज के हित में बहुत सारे निर्णय लिए। समाज के लोगों को सरकार में भी उचित प्रतिनिधित्व दिया गया। हमने मछुआ कल्याण बोर्ड बनाया और इसके अध्यक्ष को केबिनेट मंत्री का दर्जा दिया। केंवट समाज मछली पालन के व्यवसाय के जुड़ा हुआ है। समाज के कल्याण के लिए हमने मत्स्य नीति बनाई। मछली पालन को कृषि का दर्जा दिया, जिससेे मछली पालन में वृद्धि हुई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री बघेल ने ‘‘निषाद समाज की विभूतियां‘‘ पुस्तक, तथा दुर्गा प्रसाद पारकर द्वारा रचित ‘केंवट कुंदरा’ नामक पुस्तक का विमोचन किया। कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया, संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद, विधायक सत्यनारायण शर्मा एवं मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एम. आर. निषाद मौजूद थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार सभी समाज को साथ लेकर चल रही है। सभी समाज के कल्याण के लिए हमारी सरकार काम कर रही है। भेंट-मुलाकात के दौरान विभिन्न समाजों की मांग पर भवन निर्माण के लिए राशि दी गई है। जिस समाज के पास जमीन नहीं है उनके प्रस्ताव पर 10 परसेंट की दर से शासकीय जमीन उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी वर्गों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने का प्रयास किया जा रहा है। इसलिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, गोधन न्याय योजना प्रारंभ किए गए। हमारी सरकार 67 प्रकार की लघु वनोपज की खरीदी कर रही है। इन योजनाओं के माध्यम से आम लोगों के जेब में पैसा पहुंचने आम लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है।

राज्य के हर जिले के हर ब्लॉक में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोले गए हैं। गरीब बच्चों को अंग्रेजी में शिक्षा मिलने से उनका आत्मविश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं का लगातार विस्तार हो रहा है। हमारे द्वारा हाट बाजार क्लीनिक योजना से लेकर नए मेडिकल कॉलेज तक स्वास्थ्य के क्षेत्र में अनेक कार्य किए गए हैं। छत्तीसगढ़ के पारंपरिक त्योहारों को लोग उत्साह से मना सकें, इसके लिए राज्य शासन ने प्रमुख स्थानीय त्यौहारों में अवकाश की घोषणा की है। छत्तीसगढ़ के लोगों की आस्था का सम्मान करते हुए राम वन गमन पर्यटन परिपथ का भी विकास किया जा रहा है। कौशल्या माता मंदिर का विस्तार किया गया है।

इस दौरान छत्तीसगढ़ निषाद समाज के उपाध्यक्ष हरिशंकर निषाद, श्रीमती गायत्री कैवर्त, मछुआ कल्याण बोर्ड के सदस्य श्रीमती अमृता निषाद एवं देवकुमार निषाद सहित छत्तीसगढ़ निषाद समाज के अन्य जिलों के आए पदाधिकारी एवं बड़ी संख्या के समाज के लोग मौजूद थे।

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