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लीबिया में तूफान के बाद आई बारिश और बाढ़ से 2000 से ज्यादा लोगों की मौत

दिल्ली (एजेंसी)। लीबिया में पिछले दो दिनों में डेनियल तूफान ने जमकर कहर बरपाया है। तूफान के बाद आई बारिश और बाढ़ से 2000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि हजारों लोग लापता बताए जा रहे हैं। देश के कई हिस्सों में सड़कों और घरों में पानी पहुंच गया है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले दो दिनों में लीबिया में घातक तूफानी हवाओं और भारी बाढ़ ने तबाही मचाई है, जिसमें हजारों लोगों के मरने का अनुमान है। सोमवार को लीबिया की पूर्वी सरकार के प्रमुख ओसामा हमद ने कहा कि तटीय शहर डर्ना में 2,000 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग लापता हैं। हालांकि हमद ने अपने डेटा के लिए कोई सोर्स नहीं दिया।

तूफान डेनियल रविवार को भूमध्य सागर में आया, जिससे डेर्ना में सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं और इमारतें नष्ट हो गईं। कहा जा रहा है कि तूफान से लीबिया के दूसरे सबसे बड़े शहर बेंगाजी समेत तट के पास अन्य बस्तियों पर भी असर पड़ा है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियोज और पूर्वी लीबिया के ऑलमोस्टकबल टीवी की ओर से प्रसारित फुटेज में अपने वाहनों की छतों पर फंसे लोग मदद की गुहार लगाते दिख रहे हैं, जबकि बाढ़ के पानी में कारें बहती नजर आ रहीं हैं।

ओसामा हमद ने अल-मसर टीवी को बताया कि लापता लोगों की संख्या हजारों में है और मृतकों की संख्या 2,000 से अधिक है। बता दें कि हमद एक ऐसी सरकार का नेतृत्व करते हैं जो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त नहीं है और जो लीबिया के पूर्वी क्षेत्रों में काम करती है जो खलीफा हफ्तार की लीबियाई राष्ट्रीय सेना (एलएनए) द्वारा नियंत्रित है।
जो बाढ़ में फंसे, उन्होंने क्या बताया?

डेर्ना के रहने वाले निवासी सालेह अल-ओबैदी ने कहा कि वे अपने परिवार के साथ भागने में कामयाब रहे। उन्होंने रॉयटर्स को बताया कि लोग सो रहे थे और जब उठे तो उन्होंने पाया कि उनके घर पानी से घिरे हुए हैं। एक अन्य निवासी अहमद मोहम्मद ने कहा कि हम सो रहे थे और जब उठे तो देखा कि घर पानी से घिरा हुआ है। हम अंदर हैं और बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं।

ऑलमोस्टकबल टीवी ने सॉसे और शाहट के बीच एक ध्वस्त सड़क की तस्वीरें पोस्ट कीं, जो ग्रीक-स्थापित और यूनेस्को-सूचीबद्ध पुरातात्विक स्थल साइरेन का घर है। प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि डर्ना में जल स्तर तीन मीटर (10 फीट) तक पहुंच गया है।

बता दें कि लीबिया की पूर्वी स्थित संसद ने तीन दिन के शोक की घोषणा की। त्रिपोली में अंतरिम सरकार के प्रधानमंत्री अब्दुलहामिद अल-दबीबा ने भी सभी प्रभावित शहरों को आपदा क्षेत्र बताते हुए तीन दिन के शोक की घोषणा की। दो तेल इंजीनियरों ने रॉयटर्स को बताया कि लीबिया में चार प्रमुख तेल बंदरगाह, रास लानुफ़, ज़ुइटिना, ब्रेगा और एस सिद्रा को 9 सितंबर की शाम से अगले तीन दिनों के लिए बंद कर दिया गया।

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि खोज एवं बचाव अभियान जारी है। अधिकारियों ने अत्यधिक आपातकाल की स्थिति घोषित कर दी, स्कूलों और दुकानों को बंद कर दिया और कर्फ्यू लगा दिया है। उधर, लीबिया में संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि वह तूफान पर करीब से नजर रख रहा है और स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिक्रिया प्रयासों के समर्थन में तत्काल राहत सहायता प्रदान करेगा।

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