छत्तीसगढ़

रीपा में रॉट आयरन कलाकृतियों की दिल्ली-मुम्बई में हो रही मांग

कोण्डागांव। जिले में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए शासन की महत्वाकांक्षी योजना महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के तहत 10 रीपा का निर्माण जिले में किया जा रहा है। जिसके द्वारा गांव के लोगों में औद्योगिक स्तर पर उद्यमिता विकसित किये जाने का प्रयास किया जा रहा है। जिसके तहत कोण्डागांव जिले के बड़ेराजपुर विकासखण्ड में ग्राम छोटे राजपुर में ग्रामीण औद्योगिक पार्क की स्थापना की गयी है। जिसके द्वारा बनाये गये कलाकृतियों की मांग अब दिल्ली मुम्बई तक हो रही है।

इस संबंध में रॉट आयरन कलाकृतियां बनाने वाले पवित्र स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष प्रमिला नेताम ने बताया कि हमारे गांव में पारंम्परिक रूप से रॉट आयरन कलाकृतियों के निर्माण का कार्य किया जाता है। जिसे देखते हुए ग्राम में बनाये गये रीपा में भी हमारे समूह द्वारा मार्च 2023 से कलाकृतियों का निर्माण प्रारंभ किया गया था। रीपा में हमें स्थान मिल जाने से अब समूह के लोग एक स्थान पर बैठक कर एक साथ कार्य कर रहे हैं। अब तक रीपा में हमारे द्वारा 910 कलाकृतियों का निर्माण किया गया है। जिसकी बहुत अधिक मांग  प्राप्त हो रही है। कुछ दिनों पूर्व 561 कलाकृतियों को दिल्ली स्थित सरस गैलरी को मांग पर बनाकर विक्रय किया गया था। जिससे 91 हजार का लाभ प्राप्त हुआ। वहीं मुम्बई के बांद्रा में स्थित एक फर्म द्वारा 1.2 लाख की मांग की गयी है। जिसका निर्माण कार्य वर्तमान में जारी है। इसके अतिरिक्त रायपुर एवं भिलाई के निजी फर्मों के द्वारा कलाकृतियों को खरीद कर विभिन्न स्थानों पर कला प्रेमियों को विक्रय किया जा रहा है।

अध्यक्ष ने बताया कि पवित्र समूह द्वारा पूर्व में भी दिल्ली एवं अन्य स्थानों पर प्रदर्शनियों के माध्यम से कलाकृतियों का विक्रय किया जाता रहा है। परंतु कोरोना काल के बाद से प्रदर्शनियों से होने वाली आय कम हो गयी थी साथ ही कलाकारों का उत्साह भी इस कला के प्रति कम हो गया था। रीपा में कलाकृति निर्माण के लिये स्थान के साथ तकनीकी सलाहकारों द्वारा प्रशिक्षण एवं बाजार में कलाकृति विक्रय में सहयोग प्राप्त होने से सभी के उत्साह में वृद्धि हुई है। उन्होने रीपा निर्माण हेतु राज्य शासन को धन्यवाद देते हुए कहा कि राज्य सरकार की इस योजना से हमें आजीविका के नये साधन के साथ नया उत्साह भी प्राप्त हुआ है। जिससे हम आत्म निर्भरता की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।

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