मुख्यमंत्री साय का जनजातीय समाज को संस्कृति, आस्था और विकास के लिए एकजुट रहने का आह्वान

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बिलासपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती पर आयोजित राष्ट्रीय जनजातीय गौरव दिवस के भव्य समारोह में विशाल जनसमूह को संबोधित किया।
जनजातीय समाज का गौरवशाली इतिहास और अनुपम योगदान
मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि जनजातीय समाज का इतिहास हमेशा शौर्य, बलिदान और गौरव से भरा रहा है। उन्होंने ज़ोर दिया कि मुगल शासन से लेकर अंग्रेजी हुकूमत तक, देश की स्वतंत्रता की लड़ाई में जनजातीय वीरों का योगदान अद्वितीय था, लेकिन इतिहास में उन्हें वह उचित स्थान नहीं मिला जिसके वे हकदार थे।
प्रधानमंत्री श्री मोदी द्वारा ऐतिहासिक भूल का सुधार
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने इस ऐतिहासिक भूल को सुधारा है और जनजातीय समाज के सम्मान, उत्थान और विकास के लिए बड़े पैमाने पर कार्य किए हैं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री स्वयं भगवान बिरसा मुंडा की कर्मभूमि गए और समाज की प्रगति के लिए कई जनकल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की।
प्रधानमंत्री जी ने भगवान बिरसा मुंडा की जयंती को जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने का फैसला लेकर पूरे देश में स्वाभिमान की नई ऊर्जा का संचार किया है।
संग्रहालयों के माध्यम से वीरों को सम्मान
श्री साय ने जानकारी दी कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने मध्यप्रदेश के जबलपुर में रानी दुर्गावती संग्रहालय और रायपुर में शहीद वीर नारायण सिंह ट्राइबल म्यूजियम का उद्घाटन कर देश भर के जनजातीय योद्धाओं के योगदान को सम्मानित किया है।
यह संग्रहालय डिजिटल स्वरूप में भी उपलब्ध है, ताकि नई पीढ़ी अपने समृद्ध इतिहास से परिचित हो सके।
छत्तीसगढ़ के निर्माण और विकास में अटल जी का योगदान
मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद करते हुए कहा कि अटल जी ने ही झारखंड और छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण करके जनजातीय समाज को एक नई पहचान दी।
उन्होंने आदिम जाति मंत्रालय का गठन कर जनजातीय विकास के लिए विशेष बजट प्रावधान भी किए।
आज यह गर्व की बात है कि देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर (राष्ट्रपति) आदिवासी समाज से एक व्यक्ति विराजमान हैं, और छत्तीसगढ़ में भी आदिवासी समाज का बेटा मुख्यमंत्री के रूप में सेवा कर रहा है।
विकास योजनाएँ: छत्तीसगढ़ देश में प्रथम
मुख्यमंत्री श्री साय ने जनजातीय विकास की महत्वपूर्ण योजनाओं पर प्रकाश डाला:
धरती आबा ग्राम उत्कर्ष योजना: इसके माध्यम से लगभग 80 हजार करोड़ रुपये से अधिक राशि का प्रावधान कर 6600 से अधिक गांवों में विकास कार्य किए जा रहे हैं।
पीएम जनमन योजना: विशेष पिछड़ी जनजातियों के लिए शुरू की गई इस योजना के तहत सड़क, आवास और अन्य मूलभूत सुविधाओं का तेजी से विस्तार हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने गर्व के साथ बताया कि इन योजनाओं के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान पर है, जिसके लिए राज्य को राष्ट्रपति महोदया द्वारा सम्मानित भी किया गया है।
बिलासपुर को मिली 329 करोड़ रुपये से अधिक की सौगात
मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम में शामिल होने को अपना सौभाग्य बताया और बिलासपुर जिले में 329 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों के लोकार्पण और शिलान्यास पर जनता को बधाई दी।
कार्यक्रम में जनजातीय समाज के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों, सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले कलाकारों, समाजसेवियों, और स्केच तैयार करने वाली दीपिका ध्रुव को सम्मानित किया गया।
मुख्यमंत्री ने समाज के प्रमुख जनप्रतिनिधियों से चर्चा की और उनकी मांगों को पूरा करने का आश्वासन दिया।
उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने किया कार्यक्रम की अध्यक्षता
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कहा कि आज का दिन सौभाग्य और सम्मान का दिन है, जब बिलासपुर को विकास कार्यों की यह बड़ी सौगात मिली है। उन्होंने भगवान बिरसा मुंडा को स्वतंत्रता संग्राम का महानायक बताया और ट्राइबल म्यूजियम की विशेषताओं का उल्लेख करते हुए सभी से इसे देखने की अपील की।
मुख्यमंत्री की महत्वपूर्ण घोषणाएँ: बिलासपुर में लगेगी भगवान बिरसा मुंडा की आदमकद प्रतिमा
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ की:
बिलासपुर में भगवान बिरसा मुंडा की आदमकद प्रतिमा स्थापित की जाएगी।
शहर के एक प्रमुख चौक का नामकरण भगवान बिरसा मुंडा के नाम पर किया जाएगा।
लाल खदान ओवरब्रिज का नाम शहीद वीर नारायण सिंह ओवरब्रिज के रूप में किया जाएगा।
जनजातीय बालक-बालिकाओं के लिए 300 और 200 सीटर अत्याधुनिक पोस्ट मैट्रिक छात्रावास खोले जाएंगे।
कोटा ब्लॉक में जनजातीय समाज के लिए एक सुसज्जित सामुदायिक भवन का निर्माण किया जाएगा।
इस अवसर पर अन्य प्रमुख जनप्रतिनिधि और अधिकारी भी उपस्थित थे।
















