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प्रधानमंत्री मोदी ने किया राज्योत्सव प्रदर्शनी का उद्घाटन : विकास, सुशासन और न्याय के 25 वर्ष

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के 25वें स्थापना दिवस के ऐतिहासिक अवसर पर, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज नवा रायपुर स्थित राज्योत्सव परिसर में विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का उद्घाटन किया।

यह भव्य प्रदर्शनी राज्य की विकास यात्रा, सुशासन में किए गए नवाचारों, और न्याय प्रणाली के आधुनिकीकरण की दिशा में हुए प्रयासों का सजीव चित्रण है। यह नागरिकों, छात्रों, शोधकर्ताओं, और जनप्रतिनिधियों के लिए 1 से 5 नवंबर 2025 तक खुली रहेगी। इसका मुख्य उद्देश्य शासन की विभिन्न योजनाओं, जन-सेवाओं, और देश की नई कानूनी व्यवस्थाओं की जानकारी को रोचक और सुलभ तरीके से आम जनता तक पहुँचाना है।

उपलब्धियों का प्रदर्शन

प्रदर्शनी में प्रमुख रूप से 25 से अधिक विभागों ने अपनी योजनाओं और बीते 25 वर्षों की उपलब्धियों को प्रदर्शित किया है। इनमें राजस्व, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, कृषि, खाद्य, शिक्षा, वाणिज्य एवं उद्योग, खनिज, गृह, परिवहन, खेल एवं युवा कल्याण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा), श्रम, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, नगरीय प्रशासन, लोक निर्माण, जनसंपर्क, आदिवासी विकास, अनुसूचित जाति विकास, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक विकास, समाज कल्याण, जल संसाधन, उद्यानिकी, महिला एवं बाल विकास, और सामान्य प्रशासन विभाग शामिल हैं। इन सभी विभागों ने मिलकर प्रदेश की चतुर्थी रजत जयंती के पड़ाव को दर्शाया है।

गृह विभाग के स्टॉल में नवीन आपराधिक कानूनों पर विशेष फोकस

गृह (पुलिस) विभाग के स्टॉल पर न्याय प्रणाली को अधिक आधुनिक, पारदर्शी और जन-केंद्रित बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देश में लागू किए गए नवीन आपराधिक कानूनों पर विशेष ध्यान दिया गया है।

ये नए कानून अपराधों की जाँच और त्वरित समाधान में वैज्ञानिक पद्धतियों, डिजिटल साक्ष्यों, और फोरेंसिक सहयोग को प्राथमिकता देते हैं। इसका लक्ष्य न्याय प्रक्रिया को तेज़, प्रभावी और निष्पक्ष बनाना है। गृह विभाग के स्टॉल पर न्याय व्यवस्था के पाँच प्रमुख स्तंभों—पुलिस, जेल, अभियोजन (Prosecution), फोरेंसिक विशेषज्ञ, और न्यायिक अधिकारी—की भूमिका को विस्तार से दर्शाया गया है। इसमें डायल 112, सीन ऑफ क्राइम यूनिट, सिविल हॉस्पिटल, फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला, और विभिन्न न्यायालयों (जिला और उच्च न्यायालय) की कार्यप्रणाली को भी शामिल किया गया है।

विभाग ने बताया है कि तकनीक, अनुसंधान, और बेहतर समन्वय से अब जाँच और न्यायिक प्रक्रिया में तेज़ी और सटीकता आ रही है। अभियोजन और न्यायिक कार्यवाहियों की ऑनलाइन ट्रैकिंग से पारदर्शिता भी बढ़ी है।

खेल-खेल में कानून की समझ और जागरूकता

नागरिकों और विशेषकर छात्र-छात्राओं के लिए, प्रदर्शनी में कानून को समझने के लिए क्विज़ और इंटरएक्टिव गेम्स जैसे आकर्षक कार्यक्रम रखे गए हैं। इन गतिविधियों के माध्यम से नवीन आपराधिक कानूनों के महत्वपूर्ण प्रावधानों को सरल और मनोरंजक तरीके से समझाया जा रहा है। यह पहल कानूनी जागरूकता बढ़ाने के साथ-साथ नागरिकों में कानून के प्रति सम्मान, विश्वास, और सक्रिय भागीदारी की भावना को भी मजबूत कर रही है।

नए कानूनों के लागू होने से अपराधियों को सज़ा दिलाने की प्रक्रिया अधिक सटीक, त्वरित, और वैज्ञानिक होगी, जिससे आमजन का कानून-व्यवस्था में विश्वास और सुरक्षा की भावना और भी मज़बूत होगी। यह प्रदर्शनी नागरिक सशक्तिकरण, सुशासन, और न्याय-संवेदनशीलता का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करती है।

राज्य सरकार ने सभी नागरिकों, खासकर विद्यार्थियों, से अपील की है कि वे इस महत्वपूर्ण प्रदर्शनी में बड़ी संख्या में भाग लें। यह प्रदर्शनी केवल उपलब्धियों का दस्तावेज़ नहीं है, बल्कि “नवीन भारत – न्याय के नए अध्याय” की भावना से जुड़कर राज्योत्सव को सुशासन और न्याय के नए आयाम से जोड़ने की एक अभिनव पहल है।

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