छत्तीसगढ़

स्वदेशी मेला : हमारी अस्मिता और आत्मसम्मान का उत्सव : मुख्यमंत्री साय

बिलासपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज बिलासपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित सात दिवसीय स्वदेशी मेला का दौरा किया। इस अवसर पर स्वदेशी जागरण मंच परिवार, बिलासपुर ने मुख्यमंत्री का भव्य स्वागत किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने भारत माता, भगवान बिरसा मुंडा और राष्ट्रऋषि श्री दत्तोपंत ठेंगड़ी के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। उन्होंने स्वदेशी स्टॉलों का अवलोकन किया और कारीगरों, स्व-सहायता समूहों और युवा उद्यमियों द्वारा बनाए गए उत्पादों की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल स्थानीय प्रतिभाओं को मंच देते हैं, बल्कि राज्य की आर्थिक धुरी को भी मजबूत करने में अहम भूमिका निभाते हैं।

स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन

स्वदेशी मेले में स्थानीय परंपराओं के संवर्धन, ग्रामीण-शहरी उद्यमिता को बढ़ावा देने और सांस्कृतिक विविधता को दर्शाने के लिए 300 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं। हस्तशिल्प, कोसा वस्त्र, ढोकरा एवं बेलमेटल कला, गृह सज्जा सामग्री, जैविक उत्पाद और पारंपरिक व्यंजनों से सजे ये स्टॉल आगंतुकों के बीच विशेष आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। मेले में प्रदर्शित हस्तनिर्मित उत्पादों की उच्च गुणवत्ता और विविधता ने लोगों को खूब आकर्षित किया।

स्वदेशी: राष्ट्र की आत्मा की मजबूती

जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने घोषणा की कि “न्यायधानी बिलासपुर में स्वदेशी मेला सिर्फ एक आयोजन नहीं है, यह हमारी अस्मिता और आत्मसम्मान का उत्सव है।” उन्होंने स्वदेशी जागरण मंच के संस्थापक दत्तोपंत ठेंगड़ी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि मंच द्वारा स्वदेशी विचारधारा को जन-जन तक पहुँचाने का कार्य निरंतर जारी है। उन्होंने याद दिलाया कि मंच के पदाधिकारी कई वर्षों से प्रदेश के विभिन्न शहरों में स्वदेशी मेलों का आयोजन करते आ रहे हैं। इस वर्ष पहली बार यह मेला बस्तर में भी आयोजित हुआ, जिसमें गृहमंत्री श्री अमित शाह ने भी भाग लिया था।

उन्होंने बताया कि स्वदेशी की शक्ति को सबसे पहले स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने पहचाना था। महात्मा गांधी ने चरखा चलाकर स्वराज और स्वदेशी को एक जनांदोलन का रूप दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वदेशी एक विचार है, जो हमें हमारी जड़ों से जोड़ता है और राष्ट्र की आत्मा को मजबूती प्रदान करता है।

‘लोकल फॉर वोकल’ और आत्मनिर्भर भारत

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि वर्ष 2014 के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी आंदोलन को नई ऊर्जा दी है।

‘लोकल फॉर वोकल’ के आह्वान ने देश भर में स्थानीय उत्पादों के प्रोत्साहन को गति दी।

आत्मनिर्भर भारत अभियान ने स्वदेशी निर्माण और उद्यमिता को मजबूती प्रदान की।

‘मेक इन इंडिया’ और कौशल विकास अभियान ने लाखों युवाओं के लिए नए अवसर सृजित किए।

उन्होंने स्पष्ट किया कि “अगर हम विदेशी वस्तुएं खरीदेंगे, तो हमारा पैसा विदेश चला जाएगा, इसलिए राष्ट्रहित में स्वदेशी अपनाना अत्यंत आवश्यक है।” उन्होंने व्यापारियों से भी अनुरोध किया कि वे अपनी दुकानों में स्वदेशी उत्पादों को प्राथमिकता से प्रदर्शित और बेचें, ताकि देश की अर्थव्यवस्था मजबूत हो और विदेशी वस्तुओं पर हमारी निर्भरता कम हो।

छत्तीसगढ़ के उत्पाद वैश्विक मंच पर

मुख्यमंत्री ने गर्व से कहा कि छत्तीसगढ़ का कोसा, ढोकरा आर्ट और बस्तर का बेलमेटल आज वैश्विक मंच पर अपनी विशिष्ट पहचान बना चुके हैं। उन्होंने बताया कि हमारे स्व-सहायता समूहों की बहनें उच्च गुणवत्ता के उत्पाद बना रही हैं, जिनकी मांग स्थानीय से लेकर अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक बढ़ रही है।

उन्होंने आगे कहा कि प्रदेश में स्थानीय उत्पादों के विपणन के लिए यूनिटी मॉल का निर्माण किया जा रहा है, जो कारीगरों और उद्यमियों को अपने उत्पादों के प्रदर्शन और बिक्री का एक बड़ा मंच प्रदान करेगा।

संकल्प: हर घर स्वदेशी – हर हाथ स्वदेशी

मुख्यमंत्री श्री साय ने जोर देकर कहा कि स्वदेशी केवल एक आर्थिक सोच नहीं है, बल्कि यह भारत की सुरक्षा, एकता, सांस्कृतिक संरक्षण और आत्मनिर्भरता की आधारशिला है। वैश्वीकरण की प्रतिस्पर्धा के दौर में भी स्वदेशी उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है, और विदेशी बाजारों में भी छत्तीसगढ़ के उत्पाद अपनी छाप छोड़ रहे हैं।

उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार स्थानीय लोगों को प्रशिक्षण, प्रोत्साहन और संसाधन उपलब्ध कराकर उन्हें राष्ट्रीय और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए लगातार काम कर रही है।

अपने संबोधन के अंत में, उन्होंने संकल्प लेने का आह्वान किया—”आइए, हम सब मिलकर हर घर स्वदेशी – हर हाथ स्वदेशी का संकल्प लें। यही आत्मनिर्भर भारत, मजबूत छत्तीसगढ़ और समृद्ध समाज का मार्ग है।”

मुख्यमंत्री ने स्वदेशी आंदोलन को मजबूत करने तथा मेले को सफल बनाने के लिए स्वदेशी जागरण मंच, उद्यमियों, स्व-सहायता समूहों और उपभोक्ताओं को बधाई दी।

ऋण वितरण और अन्य अतिथियों के विचार

मुख्यमंत्री ने स्वदेशी मेला में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत 04 हितग्राहियों को प्रथम ऋण राशि वितरित की।

केंद्रीय राज्य मंत्री श्री तोखन साहू ने स्वदेशी जागरण मंच को कार्यक्रम की निरंतरता के लिए बधाई दी और आत्मनिर्भर भारत के मंत्र को देश की नई दिशा बताया। उन्होंने कहा कि “अब हमें केवल आर्थिक आज़ादी ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक आज़ादी की ओर भी बढ़ना है।”

विधायक श्री धरमलाल कौशिक ने भारत की आज़ादी की लड़ाई में स्वदेशी आंदोलन की निर्णायक भूमिका का उल्लेख किया। उन्होंने महात्मा गांधी द्वारा विदेशी कपड़ों की सार्वजनिक होली जलाने के कार्य को स्वदेशी अपनाने की आवश्यकता का संदेश बताया।

विधायक श्री अमर अग्रवाल ने कहा कि स्वदेशी जागरण मंच की 1991 में शुरू की गई पहल आज देश के आत्मनिर्भर भारत अभियान की आधारशिला बन चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को तभी हासिल किया जा सकता है जब देश के नागरिक भारत में निर्मित उत्पादों के उपयोग को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना लें।

कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री और जिले के प्रभारी मंत्री श्री अरुण साव, विधायकगण, छत्तीसगढ़ क्रेडा अध्यक्ष श्री भूपेंद्र सवन्नी, पाठ्य पुस्तक निगम अध्यक्ष श्री राजा पांडेय, महापौर श्रीमती पूजा विधानी, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री राजेश सूर्यवंशी और बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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