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नकली और घटिया दवा बेचने वालों पर चलेगा सरकार का डंडा, बनाई ये नई योजना

नई दिल्ली (एजेंसी)। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत के दवा नियामक सिस्टम को मजबूत करने की सलाह दी थी। इसके बाद केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने नकली और घटिया दवाओं से निपटने के लिए एक नई राष्ट्रीय योजना बनाई है। इसका मकसद दवाओं की गुणवत्ता पर कड़ी नजर रखना और गलत विज्ञापनों पर रोक लगाना है।

क्या-क्या बदलाव आएंगे?

1. दवा विज्ञापनों पर सख्ती: मिंट की खबर के मुताबिक डॉक्टरों और केमिस्ट को टार्गेट करने वाले विज्ञापन अब ज्यादा कंट्रोल किए जाएंगे। भ्रामक विज्ञापन, खासकर जो मरीजों को बिना डॉक्टर की सलाह के दवा लेने के लिए उकसाते हैं, पर पूरी तरह से रोक लगेगी

2. ऑनलाइन शिकायत सिस्टम: अब हर राज्य की दवा नियामक वेबसाइट पर एक अलग पेज बनेगा, जहां आप नकली या खराब दवा की शिकायत दर्ज कर सकेंगे। शिकायत करने का तरीका आसान होगा और हर शिकायत की जांच की जाएगी। इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और आम लोग भी नकली दवाओं के खिलाफ कार्रवाई में हिस्सा ले सकेंगे

3. फैक्ट्रियों पर ज्यादा निगरानी: सरकार अब दवा कंपनियों का रिस्क बेस्ड मूल्यांकन करेगी। मतलब, जिन कंपनियों पर पहले शिकायतें आ चुकी हैं या जो संदिग्ध हैं, उनकी ज्यादा बार जांच होगी। पिछले साल CDSCO ने राज्य नियामकों के साथ मिलकर 400 से ज्यादा फैक्ट्रियों का निरीक्षण किया था और 300 से अधिक कार्रवाइयां की थीं। अब यह और सख्त होगा

यह कदम क्यों जरूरी है?

गाम्बिया की घटना के बाद WHO ने भारत पर दबाव बनाया था, जहां हरियाणा की एक कंपनी की खांसी की सिरप से 66 बच्चों की मौत हुई थी

भारत दुनिया का सबसे बड़ा जेनरिक दवा निर्यातक है। 2025 तक यहां का दवा बाजार 100 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में दवाओं की गुणवत्ता पर भरोसा बनाए रखना बेहद जरूरी है

फार्मा कंपनी एंटोड के सीईओ निक्खिल मसुरकर के मुताबिक, यह प्लान मरीजों की सुरक्षा के साथ-साथ ईमानदार कंपनियों की साख भी बचाएगा

पहले भी हुई हैं कार्रवाइयां

नकली दवा बनाने पर 10 साल की जेल और 10 लाख रुपये जुर्माना का प्रावधान पहले से है। CDSCO ने हाल ही में नकली कैंसर और लीवर की दवाओं (जैसे एडसेट्रिस और डेफिटालियो) के खिलाफ भी अलर्ट जारी किया था

यह योजना अभी प्रस्तावित है। जल्द ही ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) सभी राज्यों को इस पर एक्शन लेने के निर्देश दे सकते हैं। इससे उम्मीद है कि भारत में दवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा का स्तर सुधरेगा।

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