छत्तीसगढ़ विधानसभा में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष शिवराज पाटिल को दी गई भावभीनी विदाई

रायपुर। रायपुर में आयोजित विधानसभा सत्र के दौरान सदन के सदस्यों ने देश के दिग्गज नेता और लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष शिवराज पाटिल के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। 12 दिसंबर को लातूर में उनके देहावसान के बाद, सोमवार को सदन की कार्यवाही के दौरान उन्हें औपचारिक श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत सहित समस्त मंत्रियों एवं विधायकों ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
राजनीतिक सफर और महत्वपूर्ण योगदान
सदन के भीतर राज्य के प्रमुख नेताओं ने शिवराज पाटिल के व्यक्तित्व के विभिन्न पहलुओं को रेखांकित किया:
संसदीय गरिमा के प्रतीक: विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने बताया कि पाटिल लगातार सात बार लोकसभा के सदस्य निर्वाचित हुए। उन्होंने विशेष रूप से याद दिलाया कि संसदीय कार्यवाही के दूरदर्शन पर सीधे प्रसारण की शुरुआत कराने में उनकी अहम भूमिका रही थी।
संकट के समय कुशल नेतृत्व: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उनके गृहमंत्री के कार्यकाल की सराहना की। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा चुनौतियों के समय पाटिल ने बड़ी संवेदनशीलता से कार्य किया। साथ ही, लातूर भूकंप के दौरान क्षेत्र के पुनर्वास में उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
संविधान के ज्ञाता: नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने उन्हें कानून और संविधान का गहरा जानकार बताया। उन्होंने कहा कि पाटिल का सार्वजनिक जीवन सेवा और सादगी का उदाहरण था, और उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
सार: शिवराज पाटिल न केवल एक कुशल प्रशासक थे, बल्कि भारतीय लोकतंत्र की संसदीय परंपराओं को मजबूत करने वाले एक मार्गदर्शक भी थे।
















