राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल, 24 घंटे में काम पर लौटने का आदेश

रायपुर। छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) के हड़ताली कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू हो गई है। राज्य के करीब 16,000 संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों को 24 घंटे के भीतर अपने काम पर लौटने का अल्टीमेटम दिया गया है। जारी किए गए नोटिस में यह साफ कहा गया है कि अगर कर्मचारी तय समय पर काम पर नहीं लौटते हैं, तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी। दूसरी ओर, NHM संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि जब तक उनकी लंबित मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
10 सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल
दरअसल, प्रदेश भर के 16,000 से ज़्यादा संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी अपनी 10 सूत्रीय मांगों, जिनमें नियमितीकरण मुख्य है, को लेकर हड़ताल पर हैं। NHM छत्तीसगढ़ के आयुक्त सह मिशन संचालक ने संविदा कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष और अन्य कर्मचारियों को नोटिस भेजकर कहा है कि इस अनधिकृत अनुपस्थिति और हड़ताल के लिए सभी जिला चिकित्सा अधिकारी पहले ही नोटिस जारी कर चुके हैं। कार्यकारी समिति की बैठक में इस पर निर्णय भी लिया जा चुका है और आदेश भी जारी हो चुके हैं। इसके बावजूद कर्मचारी जनहित के विरुद्ध हड़ताल जारी रखे हुए हैं। नोटिस में यह भी चेतावनी दी गई है कि अगर अंतिम पत्र जारी होने के बाद भी वे काम पर नहीं लौटते हैं, तो उनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी।
हड़ताली कर्मचारी की हार्ट अटैक से मौत
इसी बीच, जगदलपुर में हड़ताल पर बैठे NHM के ब्लॉक अकाउंटेंट बीएस मरकाम की हार्ट अटैक से मौत हो गई। वे 12 दिनों से लगातार अपनी मांगों को लेकर हड़ताल कर रहे थे। उनके निधन से वहाँ मौजूद उनके साथियों में शोक की लहर दौड़ गई, जिसके बाद उन्होंने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
मितानिनों ने भी दी सीएम हाउस घेराव की चेतावनी
राजधानी रायपुर में मितानिन दीदियों ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सरकार को चेतावनी दी है। उन्होंने कहा है कि यदि उनकी 3 सूत्रीय मांगों को पूरा नहीं किया जाता है, तो आगामी 4 सितंबर को 75,000 से अधिक मितानिनें राजधानी में इकट्ठा होकर मुख्यमंत्री निवास का घेराव करेंगी। मितानिनें लंबे समय से मानदेय में बढ़ोतरी, नियमितीकरण और सामाजिक सुरक्षा जैसी अपनी बुनियादी मांगों को लेकर संघर्ष कर रही हैं।