छत्तीसगढ़ में गौमाता को मिलेगा ‘राज्य माता’ का दर्जा : सीएम साय का बड़ा ऐलान

रायपुर। गुढ़ियारी के अवधपुरी मैदान में आयोजित बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर पं. धीरेंद्र शास्त्री की श्रीहनुमंत कथा का समापन हो गया। इस कथा के आखिरी दिन मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपनी पत्नी कौशल्य साय के साथ पहुंचे थे। उन्होंने मंच से एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि महाराष्ट्र की तर्ज़ पर जल्द ही छत्तीसगढ़ में गौमाता को ‘राज्य माता’ का दर्जा दिया जाएगा।
गौमाता को ‘राज्य माता’ का दर्जा देने पर विचार
मुख्यमंत्री साय ने कथावाचक पं. धीरेंद्र शास्त्री के उस सुझाव का उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने तहसील स्तर पर 5-5 हजार गायों के लिए गोठान बनाने की बात कही थी। सीएम ने इस विषय पर आश्वस्त करते हुए कहा कि वह जल्द ही इस पर कैबिनेट में चर्चा करेंगे। उन्होंने दोहराया कि जिस प्रकार महाराष्ट्र ने गाय को गौमाता का दर्जा दिया है, उसी तरह छत्तीसगढ़ भी जल्द ही गाय को यह सम्मान प्रदान करेगा।
बाबा बागेश्वर की कथा का समापन और संदेश
कथा के अंतिम दिन कथाव्यास पं. धीरेंद्र शास्त्री ने हनुमानजी के चरित्र का विस्तार से वर्णन कर जीवन की महत्वपूर्ण सीखों से लोगों को परिचित कराया। इसके साथ ही उन्होंने धर्मांतरण के अलावा साइबर अपराध और ठगी से बचने के लिए भी लोगों को जागरूक किया। मंच से उन्होंने छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा चलाए जा रहे जागरूकता अभियान की प्रशंसा भी की।
जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश देते हुए उन्होंने कहा कि व्यक्ति को अपना दिल भगवान में और दिमाग सांसारिक चीजों में लगाना चाहिए। सुखी जीवन के लिए उन्होंने कहा कि “बाहर से संसारी रहो, लेकिन अंदर से सन्यासी हो जाओ।”
स्व. श्री पुरुषोत्तम अग्रवाल स्मृति फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कथा में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, उच्च शिक्षा मंत्री टंकराम वर्मा, अनुसूचित जाति विकास मंत्री गुरु खुशवंत साहेब, विधायक पुरंदर मिश्रा, ननकीराम कंवर, नंदकुमार साय, और संस्था के चंदन-बसंत अग्रवाल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।