उप-मुख्यमंत्री शर्मा ने मिलेट्स संरक्षण के लिए लहरी बाई बैगा को सराहा

रायपुर। राज्योत्सव के दौरान, उप-मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कृषि विभाग द्वारा लगाए गए मिलेट्स थीम आधारित स्टॉल का अवलोकन किया। उन्होंने स्टॉल पर प्रदर्शित पारंपरिक मोटे अनाजों, उनसे बने उत्पादों और खेती की आधुनिक तकनीकों की जानकारी ली और विभाग के प्रयासों की प्रशंसा की।
प्रदर्शनी का मुख्य आकर्षण ‘मिलेट्स क्वीन’ के नाम से प्रसिद्ध लहरी बाई बैगा थीं, जिन्होंने उप-मुख्यमंत्री विजय शर्मा को मोटे अनाजों से बना एक आकर्षक गुलदस्ता भेंट किया। लहरी बाई मूल रूप से मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले के ग्राम सीलपेड़ी की निवासी हैं। वह पिछले कई वर्षों से 150 से अधिक प्रकार के मोटे अनाजों का संरक्षण कर रही हैं। वह स्वयं ‘मिलेट बैंक’ का संचालन करती हैं और पूरे देश में मिलेट्स के उपयोग को बढ़ावा दे रही हैं।
उनके इस समर्पण और पारंपरिक ज्ञान से प्रभावित होकर उप-मुख्यमंत्री शर्मा ने उन्हें साड़ियाँ और ₹1100 की सम्मान राशि भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि लहरी बाई जैसी महिलाएँ प्रदेश और देश के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जिन्होंने मोटे अनाजों की परंपरा को पुनर्जीवित करके पोषण के क्षेत्र में एक मिसाल कायम की है।
कृषि विभाग के स्टॉल में कोदो, कुटकी, रागी, कंगनी जैसे मोटे अनाजों से बने उत्पाद और पोहा का प्रदर्शन एवं विक्रय कृषक कल्याण समिति, धवईपानी द्वारा किया गया। इसके साथ ही, विभाग ने मिलेट्स की उन्नत खेती की तकनीकों, प्रसंस्करण यंत्रों और अन्य कृषि उपकरणों का भी प्रदर्शन किया।
उप-मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार मिलेट्स मिशन के तहत किसानों को सशक्त बनाने और पारंपरिक फसलों को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठा रही है। उन्होंने मिलेट्स को ‘भविष्य का अनाज’ बताते हुए किसानों से इसके उत्पादन से जुड़ने का आग्रह किया।
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उनका उद्देश्य ‘मोटे अनाज से सशक्त किसान, स्वस्थ समाज’ की अवधारणा को साकार करना है। इस दिशा में विभाग मिलेट्स की खेती, प्रसंस्करण और विपणन को निरंतर प्रोत्साहित कर रहा है। राज्योत्सव में लगे इस स्टॉल ने लोगों को मिलेट्स की विविधता, पोषण और आर्थिक महत्व से परिचित कराया और स्थानीय किसानों तथा युवाओं में उत्साह का संचार किया।
















