छत्तीसगढ़ के विकास हेतु मुख्यमंत्री साय का अधिकारियों को निर्देश : टीम भावना से कार्य करने पर ज़ोर

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज मंत्रालय महानदी भवन में विभागीय सचिवों और विभागाध्यक्षों के साथ एक लंबी बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को विकसित छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ने के लिए आपसी समन्वय और टीम भावना के साथ काम करने के लिए प्रेरित किया।
बैठक में, मुख्यमंत्री श्री साय ने कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए:
पूंजीगत व्यय में तेज़ी लाना।
सरकारी कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित करना।
आम जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान करना।
निर्माण कार्यों को गुणवत्ता के साथ समय पर पूरा करना।
उन्होंने अच्छा प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों की प्रशंसा की और बाकी अधिकारियों से स्व-मूल्यांकन कर आवश्यक सुधार लाने को कहा।
सुशासन और पारदर्शिता
मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली लागू होने से सरकारी कामकाज में पारदर्शिता बढ़ी है, जो सुशासन के संकल्प को साकार कर रहा है। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि लगभग सभी विभागों में यह प्रणाली लागू हो चुकी है। उन्होंने निर्देश दिया कि शेष विभाग भी दिसंबर 2025 तक इसे अनिवार्य रूप से लागू करें।
पूंजीगत व्यय और “अटल निर्माण वर्ष”
श्री साय ने इस बात पर बल दिया कि पूंजीगत व्यय राज्य की आधारभूत संरचना को मज़बूत करता है और दीर्घकालिक विकास की नींव रखता है। उन्होंने उन विभागों को निर्देश दिए जिनका पूंजीगत व्यय कम है, वे अपने कार्यों में तेज़ी लाएँ।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश का रजत जयंती वर्ष “अटल निर्माण वर्ष” के रूप में मनाया जा रहा है। इस वर्ष के बजट में पिछले वर्ष की तुलना में 18 प्रतिशत अधिक प्रावधान किया गया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि:
बजट में प्रावधानित कार्यों को प्रशासकीय स्वीकृति समय पर दी जाए।
स्वीकृत कार्यों के टेंडर शीघ्र जारी हों।
कार्य बिना किसी विलंब के शुरू हों।
उन्होंने कहा कि पूंजीगत व्यय से जुड़े सभी कार्य सीधे तौर पर जनता के हित से जुड़े हैं, इसलिए इन्हें समय पर पूरा करना अनिवार्य है। उन्होंने कम व्यय वाले विभागों को कारणों की पहचान कर तत्काल सुधार करने के लिए कहा। चूँकि अब बरसात लगभग समाप्त हो रही है, मुख्यमंत्री ने आगामी दो महीनों का सदुपयोग कर निर्माण संबंधी सभी औपचारिकताएँ शीघ्र पूरी करने का निर्देश दिया।
जनता की समस्याओं का निराकरण और मॉनिटरिंग
मुख्यमंत्री श्री साय ने विभागीय सचिवों को जनता की समस्याओं को धैर्यपूर्वक सुनने और उनका निराकरण करने के लिए कहा। उन्होंने ज़ोर दिया कि सतत मॉनिटरिंग और नियमित प्रवास से विकास की गति बढ़ती है। उन्होंने प्रभारी सचिवों को निर्देश दिया कि वे अपने प्रभार वाले ज़िलों का हर दो माह में दौरा करें और योजनाओं के क्रियान्वयन की गहन समीक्षा करें।
सड़कों का सुधार और सरकारी ख़रीदी में सख्ती
मुख्यमंत्री ने सुगम आवागमन के लिए सड़कों के सुधार और रखरखाव पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा। साथ ही, उन्होंने जेम पोर्टल से होने वाली सरकारी ख़रीदी (शासकीय खरीदी) में किसी भी प्रकार की अनियमितता पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए।
मंत्रालय में बायोमैट्रिक उपस्थिति
मंत्रालय के कामकाज में कसावट लाने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री श्री साय ने 1 दिसंबर से बायोमैट्रिक अटेंडेंस प्रणाली लागू करने का निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों को समय पर कार्यालय पहुँचने और अपने अधीनस्थों को भी समयपालन के लिए प्रेरित करने को कहा।
मुख्य सचिव श्री विकास शील ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि यह प्रणाली 1 दिसंबर से उप सचिव स्तर से वरिष्ठ अधिकारियों तक के लिए लागू होगी।
बैठक में मुख्य सचिव श्री विकास शील, अपर मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार पिंगुआ और श्रीमती ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद और श्री राहुल भगत, ऊर्जा सचिव श्री रोहित यादव सहित सभी विभागीय सचिव और विभागाध्यक्ष मौजूद थे।
















