छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल अंतर्गत अब तक 8.39 लाख निर्माण श्रमिक लाभान्वित

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार श्रमिकों और उनके परिवारों की बेहतरी के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएँ चला रही है। इन योजनाओं का उद्देश्य श्रमिकों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को मज़बूत करना है। 1 जनवरी, 2024 से 15 सितंबर, 2025 तक, छत्तीसगढ़ भवन और अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के तहत करीब 7.3 लाख निर्माण श्रमिकों का पंजीकरण हुआ है। इसी अवधि में, विभिन्न योजनाओं के माध्यम से लगभग 8.39 लाख श्रमिकों को लाभ मिला है, जिस पर लगभग 535.62 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
अटल श्रम सशक्तिकरण योजना और अन्य पहलें
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय और श्रम मंत्री श्री लखनलाल देवांगन के मार्गदर्शन में, असंगठित श्रमिकों के लिए एक नई ‘अंब्रेला योजना’ शुरू की गई है, जिसका नाम है अटल श्रम सशक्तिकरण योजना। इस योजना का लक्ष्य श्रमिकों और उनके परिवारों का समग्र विकास करना है। प्रवासी श्रमिकों की सहायता के लिए, पाँच राज्यों (उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा, गुजरात, और महाराष्ट्र) में ‘मोर चिन्हारी भवन’ बनाए जाएँगे, जहाँ बड़ी संख्या में छत्तीसगढ़ के श्रमिक काम करते हैं। इसके अलावा, श्रमिकों को कैशलेस इलाज की सुविधा देने के लिए 106 निजी अस्पतालों के साथ अनुबंध किया गया है, जिससे उन्हें हृदय, किडनी, मस्तिष्क रोग और अन्य जटिल सर्जरी का उपचार मिल सकेगा।
इस योजना के तहत, सरकार की सभी योजनाओं का लाभ एक ही जगह पर देने के लिए ‘श्रमेव जयते’ पोर्टल बनाया गया है। जल्द ही एक नई योजना भी शुरू की जाएगी, जिसके तहत श्रमिकों को आर्थिक गतिविधियों के लिए लिए गए बैंक ऋण पर लगने वाले ब्याज में अनुदान दिया जाएगा, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। श्रमिकों के कल्याणकारी कार्यों की बेहतर निगरानी के लिए, राज्य के हर संभाग में श्रम कल्याण कार्यालय स्थापित किए जा रहे हैं।
प्रमुख योजनाओं का संक्षिप्त विवरण
मुख्यमंत्री श्रम संसाधन केंद्र: श्रमिकों की समस्याओं का त्वरित समाधान और सहायता प्रदान करने के लिए हर जिले और विकासखंड में ये केंद्र संचालित हो रहे हैं। 1 जनवरी, 2024 से 15 सितंबर, 2025 तक, इन केंद्रों ने 94,300 निर्माण श्रमिकों को पंजीकरण और योजनाओं के आवेदन में मदद की है।
सरल पंजीकरण प्रक्रिया: निर्माण श्रमिकों के पंजीकरण को आसान बनाने के लिए, अब ठेकेदार या नियोक्ता के प्रमाण पत्र की जगह श्रमिक अपना स्व-घोषणा पत्र जमा कर सकते हैं। इस बदलाव से श्रमिकों को काफी सुविधा मिली है।
मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक आवास सहायता योजना: इस योजना के तहत, निर्माण श्रमिकों को अपना घर खरीदने या बनाने के लिए एक लाख रुपये की एकमुश्त सहायता राशि दी जाती है। 1 जनवरी, 2024 से 15 सितंबर, 2025 तक, 1042 श्रमिकों को इस योजना का लाभ मिला है।
मुख्यमंत्री नोनी बाबू मेधावी शिक्षा सहायता योजना: 10वीं और 12वीं कक्षा में 75% या उससे अधिक अंक लाने वाले छात्रों को और छत्तीसगढ़ बोर्ड की मेरिट लिस्ट के शीर्ष 10 में आने वाले छात्रों को एक लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि और दुपहिया वाहन खरीदने के लिए एक लाख रुपये दिए जाते हैं। इस अवधि में, 7478 बच्चों को 10 करोड़ 14 लाख से अधिक की राशि प्रदान की गई है।
मिनीमाता महतारी जतन योजना (प्रसूति सहायता): 1 जनवरी, 2024 से 15 सितंबर, 2025 तक, 65,010 महिला निर्माण श्रमिकों को इस योजना से लाभ मिला है।
शहीद वीरनारायण सिंह श्रम अन्न योजना: पंजीकृत श्रमिकों को 5 रुपये में पौष्टिक भोजन दिया जाता है। 31 दिसंबर 2023 तक 29 भोजन केंद्र थे, जो अब बढ़कर 17 जिलों में 37 हो गए हैं। इस दौरान, 11.35 लाख से अधिक भोजन यूनिट वितरित की गईं, जिस पर 5.28 करोड़ रुपये खर्च हुए।
मुख्यमंत्री निर्माण श्रमिक मृत्यु एवं दिव्यांग सहायता योजना: सामान्य मृत्यु पर 1 लाख रुपये, कार्यस्थल पर दुर्घटना में मृत्यु होने पर 5 लाख रुपये और स्थायी दिव्यांगता पर 2.5 लाख रुपये की सहायता दी जाती है। 1 जनवरी, 2024 से 15 सितंबर, 2025 तक, 3658 श्रमिकों के आश्रितों को इस योजना से लाभ मिला है।
डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभ
17 सितंबर, 2024 को मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से सीधे श्रमिकों के खातों में राशि हस्तांतरित करना शुरू किया। इस पहल के तहत, अब तक 6 लाख 48 हजार से अधिक पंजीकृत श्रमिकों को 16 योजनाओं में 327 करोड़ रुपये से अधिक का लाभ मिला है।