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डिजिटल टोकन से आसान हुई धान की बिक्री : किसान जेठूराम ने सराही नई व्यवस्था

सक्ती। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में चल रही धान खरीदी मुहिम किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के तहत राज्य में अपनाई गई पारदर्शी और तकनीक-आधारित व्यवस्था से न केवल समय की बचत हो रही है, बल्कि किसानों को बिचौलियों और लंबी कतारों से भी मुक्ति मिली है।

सक्ती जिले के लवसरा धान खरीदी केंद्र में हाल ही में ग्राम बेल्हाडीह के किसान श्री जेठूराम बंजारे ने अपना 20.80 क्विंटल धान बेचा। इस अनुभव को साझा करते हुए उन्होंने शासन की नई कार्यप्रणाली की जमकर प्रशंसा की।

‘तुहर टोकन’ ऐप: कतारों से मिली आजादी

जेठूराम बंजारे बताते हैं कि पहले टोकन कटाने के लिए खरीदी केंद्रों के चक्कर लगाने पड़ते थे और घंटों धूप में खड़े रहना पड़ता था। अब ‘तुहर टोकन’ मोबाइल ऐप ने इस पूरी प्रक्रिया को बदल दिया है। उन्होंने बताया:

“मैने घर बैठे ही मोबाइल से अपना टोकन प्राप्त कर लिया। इससे मेरा पूरा दिन बर्बाद होने से बच गया और मुझे पता था कि किस समय केंद्र पहुँचना है।”

पारदर्शी तौलाई और बेहतर सुविधाएं

जिला कलेक्टर श्री अमृत विकास तोपनो के मार्गदर्शन में केंद्रों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। जेठूराम ने अनुभव किया कि:

इलेक्ट्रॉनिक कांटा: डिजिटल तौल मशीनों के उपयोग से गड़बड़ी की गुंजाइश खत्म हो गई है।

त्वरित प्रक्रिया: केंद्र पहुँचते ही बिना किसी देरी के तौलाई शुरू हो गई।

उचित प्रबंधन: हम्मालों की उपलब्धता और व्यवस्थित माहौल से किसानों को काफी सहूलियत हो रही है।

आर्थिक मजबूती और मुख्यमंत्री का आभार
3100 रुपये प्रति क्विंटल के समर्थन मूल्य और समय पर भुगतान की व्यवस्था ने किसानों के आत्मविश्वास को बढ़ाया है। जेठूराम कहते हैं कि सही दाम और पारदर्शी व्यवस्था से उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। इस सुगम और किसान-हितैषी पहल के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का हृदय से आभार व्यक्त किया है।

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