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किडनी की समस्याओं को न करें नज़रअंदाज़ : गंभीर हो सकता है ख़तरा

हेल्थ न्युज (एजेंसी)। हमारे शरीर में दो गुर्दे होते हैं, जिनका मुख्य कार्य रक्त से विषाक्त पदार्थों को छानकर बाहर निकालना है। यदि गुर्दों में कोई समस्या आती है, तो इसका असर पूरे शरीर पर पड़ सकता है। लाखों लोग गुर्दे से जुड़ी विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे हैं। चिंता की बात यह है कि कई बार लोगों को अपनी किडनी की बीमारी का पता ही नहीं चल पाता, इसीलिए किडनी की बीमारी को ‘साइलेंट किलर’ भी कहा जाता है। ज्यादातर मामलों में, बीमारी का पता तब चलता है जब वह गंभीर रूप ले चुकी होती है। क्रोनिक किडनी रोग (CKD) भारत में मृत्यु दर के प्रमुख कारणों में से एक है।

किडनी की समस्या के शुरुआती संकेत

किडनी की बीमारी होने पर, कई बार लोग लक्षणों को पहचान नहीं पाते या उन्हें अनदेखा कर देते हैं। ऐसे में आपको बेहद सतर्क रहने की आवश्यकता है।

सूजन:

गुर्दे में परेशानी के शुरुआती संकेतों में टखनों, पैरों और एड़ी के आस-पास सूजन दिखाई दे सकती है।

इसके अलावा, आंखों के आस-पास भी सूजन आ सकती है, जिसे एडिमा कहा जाता है। यह कोशिकाओं में तरल पदार्थ (फ़्लूइड) के जमाव के कारण होता है।

थकान और कमज़ोरी:

किडनी की समस्या होने पर असामान्य रूप से थकान महसूस होना एक सामान्य लक्षण है।

शुरुआत में बहुत कमज़ोरी रहती है और थोड़ी-सी भी गतिविधि करने में परेशानी होने लगती है।

भूख में कमी और स्वाद में बदलाव:

किडनी में खराबी आने पर भूख कम हो जाती है।

यूरिया, क्रिएटिनिन और एसिड जैसे विषाक्त पदार्थ शरीर में जमा होने लगते हैं, जिससे न केवल भूख कम होती है, बल्कि मुंह का स्वाद भी बदल जाता है।

मतली और उल्टी:

गुर्दे के खराब होने के लक्षणों में सुबह के समय मतली (मिचली) और उल्टी जैसा महसूस होना शामिल है।

कई बार दांतों को ब्रश करते समय भी ऐसा हो सकता है, जिससे खाने की इच्छा और कम हो जाती है।

किसे ज़्यादा सावधानी बरतनी चाहिए?

अगर आपके परिवार में हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, मोटापा, मेटाबॉलिक सिंड्रोम, कोरोनरी आर्टरी डिजीज और किडनी फेल होने का इतिहास रहा है, या आपकी उम्र 60 साल से अधिक है, तो आपको नियमित रूप से अपनी जाँच (चेकअप) करवाते रहना चाहिए।

अपनी किडनी को स्वस्थ कैसे रखें?

गुर्दों को स्वस्थ रखने के लिए इन बातों का पालन करें:

खूब पानी पीएँ: किडनी को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीएँ। गर्म पानी पीने से किडनी को शरीर से सोडियम, यूरिया और अन्य विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है।

नमक कम खाएँ: अपने भोजन में कम नमक का प्रयोग करें। पैकेटबंद (packaged) और रेस्तरां के खाने से परहेज करें, क्योंकि इनमें नमक और अस्वस्थ फैट की मात्रा अधिक होती है।

स्वस्थ आहार और वजन नियंत्रण: पौष्टिक और संतुलित भोजन करें और अपने वजन को नियंत्रित रखें।

नियमित जाँच: अपनी किडनी को स्वस्थ रखने के लिए समय-समय पर कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जाँच करवाते रहें।

परहेज करें: तले हुए और मीठे खाद्य पदार्थों से दूर रहें, और इसकी जगह ढेर सारे फल और सब्ज़ियाँ खाएँ।

अस्वीकरण : ऊपर दी गई जानकारी सामान्य सूचना उद्देश्यों के लिए है और इसे किसी भी चिकित्सीय सलाह या उपचार का विकल्प नहीं समझा जाना चाहिए। यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या या संदेह है, तो हमेशा किसी विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह लें।

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