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तनाव को नज़रअंदाज़ न करें : सेहत के लिए हो सकता है हानिकारक

नई दिल्ली (एजेंसी)। छोटी-छोटी बातों पर तनाव लेना आपकी सेहत पर कब भारी पड़ जाता है, आपको पता भी नहीं चलता। यदि आप छोटी-छोटी चीज़ों पर तनाव लेते हैं, तो सावधान हो जाइए। तनाव व्यक्ति को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का शिकार बना देता है। बार-बार सिरदर्द होना, जल्दी गुस्सा आना, या ठीक से नींद न आना तनाव से जुड़ा हो सकता है। अत्यधिक तनाव के कारण व्यक्ति में सहनशीलता कम हो जाती है, जिससे उसके काम करने की क्षमता प्रभावित होती है और प्रदर्शन का स्तर नीचे चला जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, तनाव की सीमा हर व्यक्ति, स्थिति और व्यक्तिगत क्षमता (मानसिक और शारीरिक) के हिसाब से अलग-अलग होती है। जब आपका तनाव अपनी सीमा पार कर जाता है, तो यह आपके दैनिक कार्यों को बाधित करने लगता है।

तनाव से जुड़ी कुछ प्रमुख स्वास्थ्य समस्याएं:

एसिडिटी और गैस (एसिड पेप्टिक रोग) तनाव लेने से लोगों में एसिड पेप्टिक रोग जैसी कई बीमारियां होने की संभावना बढ़ जाती है, जिसे सामान्य भाषा में पेट की गैस या एसिडिटी कहा जाता है।

नशीले पदार्थों की लत तनाव से पीड़ित लोगों की स्थिति समय के साथ बिगड़ सकती है। इस कारण, उन्हें शराब या धूम्रपान जैसे नशीले पदार्थों की लत लग सकती है, जिसकी वजह से वे और भी कई बीमारियों का शिकार हो जाते हैं।

वजन बढ़ना तनाव से ग्रस्त व्यक्ति अक्सर अनियमित रूप से भोजन करने या आलस्य का शिकार हो जाता है, जिससे उसे होश नहीं रहता कि वह क्या कर रहा है। परिणामस्वरूप, उसका वजन बहुत तेज़ी से बढ़ सकता है, जो उसके लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

हृदय रोग (दिल संबंधी बीमारियाँ) जैसा कि स्पष्ट है, तनाव कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। अगर समय रहते तनाव का प्रबंधन न किया जाए, तो यह दिल का दौरा पड़ने जैसी गंभीर समस्या का कारण भी बन सकता है।

मानसिक स्वास्थ्य का बिगड़ना तनाव का असर व्यक्ति के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। इसी वजह से उसका मानसिक संतुलन बिगड़ सकता है, जिसके लिए चिकित्सकीय सहायता (मेडिकल सहायता) लेना आवश्यक हो सकता है।

कमजोर प्रतिरक्षा (इम्यूनिटी) और संक्रमण अधिक तनाव लेने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) धीरे-धीरे कमजोर हो जाती है, और व्यक्ति को कोई भी संक्रमण (इंफेक्शन) जल्दी पकड़ सकता है।

उल्टी आना कई बार तनाव की स्थिति में पेट में हल्का दर्द, मरोड़ या बेचैनी महसूस होने के साथ-साथ उल्टी भी शुरू हो जाती है।

नोट: ऊपर दी गई जानकारी और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी पेशेवर चिकित्सक की सलाह के रूप में न समझें। यदि कोई सवाल या परेशानी हो, तो डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।

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