गले की खराश के लिए असरदार घरेलू उपचार, इन आसान टिप्स मिलेगी राहत

हेल्थ न्युज (एजेंसी)। मौसम बदलने पर गले में खराश होना एक सामान्य समस्या है, जिसके कारण गले में दर्द, खुजली और जलन महसूस होती है। इस वजह से कुछ भी निगलने में भी कठिनाई होती है। हालांकि यह कोई गंभीर परेशानी नहीं है, लेकिन इसकी वजह से खाने-पीने और सोने में काफी तकलीफ होती है। राहत पाने के लिए कुछ प्राकृतिक तरीकों को अपनाया जा सकता है।
घरेलू उपाय जो दिलाएंगे राहत
शहद
गले की खराश में शहद बहुत लाभकारी है। इसे अकेले या चाय के साथ लेना फायदेमंद है। एक अध्ययन के अनुसार, रात की खांसी में शहद, कई दवाओं की तुलना में अधिक असरदार पाया गया है। शहद में घाव को जल्दी भरने के गुण होते हैं, इसलिए यह गले की खराश को जल्द ठीक करने में मदद करता है।
नमक का पानी
नमक मिले गुनगुने पानी से गरारे करने पर गले की खराश में तुरंत आराम मिलता है। यह गले में मौजूद बैक्टीरिया को खत्म करने का काम भी करता है। एक गिलास गर्म पानी में आधा चम्मच नमक मिलाकर गरारे करें। यह गले की सूजन को कम करता है और गला साफ रखता है। हर तीन घंटे में इस पानी से गरारे करने की सलाह दी जाती है।
कैमोमाइल चाय
कैमोमाइल चाय प्राकृतिक रूप से आरामदायक होती है। गले की खराश सहित कई औषधियों में इसका उपयोग किया जाता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट और एस्ट्रिंजेंट जैसे गुण पाए जाते हैं। रिसर्च के मुताबिक, कैमोमाइल की भाप लेने से सर्दी-खांसी के लक्षण दूर होते हैं, वहीं इसकी चाय पीने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और शरीर को संक्रमण (इंफेक्शन) से लड़ने में मदद मिलती है।
पुदीना
पुदीने का तेल (Peppermint oil) गले की खराश को दूर करने में सहायक है। पुदीने में मेन्थॉल होता है, जो बलगम को पतला करता है और गले की जलन को कम करता है। इसमें भी एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल गुण मौजूद होते हैं। इसका इस्तेमाल हमेशा जैतून के तेल (Olive oil), बादाम के तेल (Almond oil) या नारियल के तेल के साथ मिलाकर ही करना चाहिए।
बेकिंग सोडा के गरारे
नमक के पानी के अलावा, बेकिंग सोडा को नमक के पानी में मिलाकर गरारे करने से भी गले की खराश से राहत मिलती है। बेकिंग सोडा का पानी गले में बैक्टीरिया और फंगल (फफूंद) को मारता है। 1 कप गर्म पानी में 1/4 चम्मच बेकिंग सोडा और 1/8 चम्मच नमक मिलाकर हर तीन घंटे पर गरारे करें।
मेथी
मेथी कई तरीकों से स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। आप मेथी के बीज खा सकते हैं, इसके तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं या मेथी की चाय बनाकर पी सकते हैं, जो गले की खराश का एक प्राकृतिक उपचार है। शोधों के अनुसार, मेथी में रोग ठीक करने की क्षमता होती है और यह गले में जलन या सूजन पैदा करने वाले बैक्टीरिया को मार सकती है। मेथी एक प्रभावी एंटीफंगल भी है। हालांकि, गर्भवती महिलाओं को मेथी का सेवन करने से बचना चाहिए।
मुलेठी
गले की खराश में मुलेठी की जड़ का उपयोग बहुत पुराने समय से किया जाता रहा है। एक हालिया शोध से पता चलता है कि इसे गरारे के पानी में मिलाकर इस्तेमाल करने पर यह अधिक प्रभावी तरीके से काम करता है। हालांकि, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को यह नुस्खा नहीं आजमाना चाहिए।
एप्पल साइडर विनेगर
एप्पल साइडर विनेगर (सेब का सिरका) में कई प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो संक्रमण से प्रभावी ढंग से लड़ते हैं। एसिडिक होने के कारण यह गले में फंसे बलगम को बाहर निकालता है और बैक्टीरिया को फैलने से रोकता है। गले में खराश होने पर एक कप पानी में 1 से 2 बड़े चम्मच एप्पल साइडर विनेगर घोलें और इससे गरारे करें। इस मिश्रण का छोटा घूंट लें और इस पूरी प्रक्रिया को एक घंटे में दो बार दोहराएँ।
लहसुन
लहसुन में भी प्राकृतिक एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं। इसमें मौजूद एलिसिन में संक्रमण से लड़ने की क्षमता होती है। अध्ययनों के मुताबिक, हर दिन लहसुन खाने से सर्दी के वायरस को रोकने में मदद मिलती है। अपनी रोज की डाइट में लहसुन को शामिल करें। गले की खराश दूर करने के लिए लहसुन की कली चूसना भी एक पुराना नुस्खा है। हालांकि, इसे खाने के बाद ब्रश ज़रूर करें, ताकि साँसों की दुर्गंध न बढ़े।