निजी शैक्षणिक संस्थाओं पर भी लागू होगा ESIC कानून : हाईकोर्ट

रायपुर। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने एक महत्वपूर्ण फैसले में स्पष्ट किया है कि प्रदेश के निजी शैक्षणिक संस्थानों पर भी कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ESIC) अधिनियम लागू होगा। हाईकोर्ट ने उन निजी स्कूलों की याचिकाओं को खारिज कर दिया, जिन्होंने इस कानून को अपने संस्थानों पर लागू करने का विरोध किया था। इस निर्णय से अब शैक्षणिक संस्थानों में काम करने वाले लाखों कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ मिल पाएगा।
2005 से चला आ रहा था विवाद
यह मामला साल 2005 में शुरू हुआ, जब राज्य सरकार ने 27 अक्टूबर को एक अधिसूचना जारी की थी। इस अधिसूचना में कहा गया था कि 20 या उससे अधिक कर्मचारी वाले शैक्षणिक संस्थानों को ESIC अधिनियम के दायरे में लाया जाएगा। इस आदेश के तहत, 1 अप्रैल 2006 से सभी पात्र स्कूलों के लिए इस नियम का पालन करना अनिवार्य कर दिया गया था। साल 2011 में जब ESIC ने इन संस्थानों से योगदान राशि जमा करने के लिए नोटिस जारी किया, तो कई निजी और सहायता प्राप्त स्कूलों ने इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी।
स्कूलों की दलील और सरकार का पक्ष
याचिका दायर करने वाले स्कूलों का तर्क था कि शिक्षा एक व्यावसायिक या औद्योगिक गतिविधि नहीं है, इसलिए उनके संस्थानों को “एस्टेब्लिशमेंट” की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि ESIC अधिनियम को उन पर लागू करना गलत है और इस संबंध में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के पुराने फैसलों का हवाला भी दिया।
वहीं, राज्य सरकार और ESIC कॉर्पोरेशन का पक्ष था कि स्कूलों में बड़ी संख्या में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारी काम करते हैं, और उन्हें बीमारी, मातृत्व या दुर्घटना जैसी स्थितियों में सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना इस कानून का मुख्य उद्देश्य है।
उच्च न्यायालय का फैसला
हाईकोर्ट ने सरकार और ESIC की दलील को सही माना। कोर्ट ने कहा कि शैक्षणिक संस्थान भी “एस्टेब्लिशमेंट” की परिभाषा में आते हैं, इसलिए उन पर ESIC अधिनियम लागू होगा। कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि 1 अप्रैल 2024 से सभी निजी स्कूलों के लिए इस कानून का पालन करना अनिवार्य होगा।
96,000 से अधिक कर्मचारियों को लाभ
इस फैसले से राज्य के 7,975 निजी और सहायता प्राप्त स्कूलों पर सीधा असर पड़ेगा। इनमें 5,680 निजी स्कूल, 738 सहायता प्राप्त स्कूल, 413 आंशिक सहायता प्राप्त स्कूल और 180 अन्य संस्थान शामिल हैं। इन संस्थानों में कार्यरत लगभग 96,500 कर्मचारियों को अब ESIC का लाभ मिल सकेगा। इनमें से 50,000 से अधिक कर्मचारी गैर-शैक्षणिक श्रेणियों में आते हैं।