19 लाख के इनामी 4 नक्सलियों ने किया सरेंडर, एक गिरफ्तार

गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के एंटी नक्सल ऑपरेशन में फोर्स को बड़ी सफलता मिली है। डीवीसी मेंबर सहित 19 लाख रुपए के 4 इनामी नक्सलियों ने एनकाउंटर में मारे जाने के डर से सरेंडर कर दिया। नक्सलियों से मिले इनपुट के आधार पर सुरक्षा बल ने 16 लाख रुपए नकद और हथियार बरामद किया है। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में डीवीएस मेंबर दीपक मंडावी और उसका सहयोगी कैलाश, रानिता और सुजाता शामिल हैं।
ये सभी धमतरी-गरियाबंद नुआपड़ा डिवीजन कमेटी में साल 2013 से सक्रिय थे। इसी गरियाबंद में केंद्रीय समिति सदस्य जयराम उर्फ चलपथी सहित 16 नक्सली को सुरक्षा बल जवानों ने मुठभेड़ में मार गिराया था।
गरियाबंद मुख्यालय में रायपुर रेंज आईजी अमरेंद्र मिश्रा, आईजी नक्सल ऑपरेशन अंकित गर्ग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी जानकारी दी। सरेंडर करने वालों में डीवीसीएम दीपक उर्फ भीमा मंडावी, प्रोटेक्शन टीम के कैलाश उर्फ भीमा भोगाम, एरिया कमेटी सदस्य रानिता उर्फ पायकी और एरिया कमेटी सदस्य सुजीता उर्फ उरें कारम शामिल हैं। दीपक मंडावी पर 8 लाख रुपए, कैलाश और रानिता पर 5-5 लाख रुपए और सुजीता पर 1 लाख रुपए इनाम घोषित था।
सरेंडर करने वाले नक्सलियों की निशानदेही पर 16 लाख रुपए नकद, 31 जिंदा कारतूस, दो खाली मैगजीन, डेटोनेटर, 8 बीजीएल, 12 बोर राउंड, और नक्सली साहित्य बरामद किया गया। पुलिस ने बताया कि सुरक्षा बलों की कार्रवाई के बाद से नक्सली संगठन में टूट नजर आ रही है।
डिवीजन कमेटी मेंबर गिरफ्तार, बॉर्डर पर दबोचा गया
उधर, आंध्रा-ओडिशा बॉर्डर पर बड़ी कामयाबी मिली है। डिवीजन कमेटी सदस्य चैतो उर्फ नरेश उर्फ संथु को गिरफ्तार किया गया है। नरेश 15 साल की उम्र में माओवादी बना था और अब 28 की उम्र में पुलिस के हत्थे चढ़ा है। कुख्यात माओवादी नेता सीआरपीएफ की जवाबी कार्रवाई में धर दबोचा गया। गांव-गांव में दहशत फैलाने वाला चैतो अब जेल की सलाखों के पीछे रहेगा।
एसपी अमित बरदार ने बताया कि हथियार और गोला-बारूद के साथ पकड़ा गया माओवादी 2011 से 2025 तक नक्सली संगठन में सक्रिय भूमिका निभाई। वह छत्तीसगढ़ से आंध्र आ रहे माओवादियों को रिसीव करते वक्त गिरफ्तार हुआ है। भालियापुट गांव का रहने वाला चैतो क्रांतिकारी गीतों से बहका और गोलियों की दुनिया तक पहुंच गया। नरेश 2016 से 2021 तक कई मुठभेड़ों और हमलों का मास्टरमाइंड रहा है। एरिया कमेटी सचिव की गिरफ्तारी से नक्सली संगठन को बड़ा झटका लगा है।
















