पीरियड्स में हो रही है ज़्यादा ब्लीडिंग? तो हो जाएं सावधान, इन घातक बीमारियों का हो सकता है ख़तरा

मासिक धर्म की सामान्य प्रक्रिया और कष्ट
हेल्थ न्युज (एजेंसी)। मासिक धर्म या पीरियड्स एक प्राकृतिक और आवश्यक शारीरिक प्रक्रिया है जो महिलाओं को गर्भधारण के लिए तैयार करती है। महिलाओं को हर महीने सामान्य तौर पर तीन से सात दिनों तक रक्तस्राव (ब्लीडिंग) होता है। इस दौरान, पेट और कमर में दर्द होना भी बहुत सामान्य माना जाता है। हालांकि, कुछ महिलाओं के लिए यह दर्द काफी असहनीय हो सकता है।
अत्यधिक और लंबे समय तक ब्लीडिंग: एक चेतावनी
आमतौर पर पीरियड्स में ब्लीडिंग की अवधि तीन से सात दिन होती है। यदि यह ब्लीडिंग सात दिनों से अधिक समय तक चले या बहुत अधिक मात्रा में हो, तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए। मासिक धर्म चक्र के दौरान, गर्भाशय की अंदरूनी परत (म्यूकस मेंमब्रेन) खुद को संभावित गर्भावस्था के लिए मोटा कर लेती है। जब गर्भधारण नहीं होता, तो यह परत रक्त के साथ शरीर से बाहर निकल जाती है।
यदि आपको सात दिन से ज़्यादा ब्लीडिंग हो या रक्त के बड़े थक्के (Blood Clots) दिखाई दें, तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। मासिक धर्म की अवधि और प्रवाह कई कारकों पर निर्भर करता है और उम्र के साथ इसमें बदलाव आना भी सामान्य है।
सामान्य से ज़्यादा ब्लीडिंग के प्रमुख कारण
अत्यधिक या लंबी अवधि तक चलने वाली ब्लीडिंग के पीछे कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं:
हार्मोनल असंतुलन: प्रजनन प्रक्रिया को नियंत्रित करने वाले एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन में असंतुलन, खासकर किशोरावस्था (Teenage Girls) में, लंबे पीरियड्स का कारण बन सकता है।
गर्भाशय से संबंधित स्थितियाँ:
फाइब्रॉएड्स : ये गर्भाशय में सौम्य (नॉन-कैंसरस) गांठें होती हैं, जो गर्भाशय का आकार बढ़ा देती हैं। ये असहनीय दर्द, ऐंठन और भारी रक्तस्राव का कारण बन सकती हैं, साथ ही गर्भपात और प्रजनन क्षमता में समस्या का जोखिम भी बढ़ाती हैं।
पॉलीप्स : ये एंडोमेट्रियम (गर्भाशय की आंतरिक परत) में कोशिकाओं की असामान्य वृद्धि से बनने वाली गांठें हैं। ये आमतौर पर सौम्य होते हैं, लेकिन कुछ कैंसर में बदल सकते हैं।
एडीनोमायोसिस : इसमें गर्भाशय की भीतरी परत के ऊतक, गर्भाशय की मांसपेशी की दीवार में विकसित होने लगते हैं।
गर्भावस्था संबंधी विकार: एक्टोपिक प्रेग्नेंसी (अंडाणु का गर्भाशय के बाहर प्रत्यारोपित होना) या गर्भपात की स्थिति में भी अनियमित और भारी रक्तस्राव हो सकता है।
कैंसर: गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा के भीतर कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि के कारण अत्यधिक ब्लीडिंग हो सकती है।
पेल्विक संक्रमण : कुछ स्थितियों में पेल्विक क्षेत्र में संक्रमण भी मासिक धर्म के दौरान भारी और लंबी ब्लीडिंग तथा दर्द का कारण बन सकता है।
बीमारियाँ: HIV, रूबेला, मम्प्स जैसी कुछ बीमारियाँ रक्त को पतला करके अत्यधिक रक्तस्राव का कारण बन सकती हैं।
अन्य कारण
गर्भनिरोधक उपकरण (IUDs): अनचाही प्रेग्नेंसी को रोकने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले इंट्रा यूटेराइन डिवाइस (IUD) का गलत तरीके से इंप्लांटेशन भारी ब्लीडिंग की वजह हो सकता है।
दवाएँ: एस्पिरिन जैसी रक्त पतला करने वाली (Blood Thinning) कुछ दवाएँ या गर्भनिरोधक गोलियों का गलत समय पर सेवन भी मासिक धर्म में गड़बड़ी पैदा कर सकता है।
उपचार और सलाह
मासिक धर्म से जुड़ी किसी भी समस्या का उपचार उसके मूल कारण पर निर्भर करता है। लंबे, भारी रक्तस्राव या दर्द के लिए डॉक्टर कुछ दवाएं दे सकते हैं जिनसे आमतौर पर राहत मिल जाती है। यदि समस्या बनी रहती है, तो डॉक्टर आगे की जांच जैसे बायोप्सी की सलाह दे सकते हैं और उसके अनुसार उचित इलाज शुरू किया जाता है।
विशेष नोट: यह जानकारी केवल सामान्य सूचना के उद्देश्य से दी गई है। यदि आपको पीरियड्स से संबंधित कोई भी असामान्य लक्षण दिखाई देता है, तो तुरंत किसी विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श लेना अनिवार्य है।
















